धमतरी। नगरीय निकाय चुनाव की तरह पंचायत चुनाव में भी आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें सामने आ रही हैं। धमतरी जिले के एक गांव में ग्रामीणों ने प्रत्याशी के समर्थको को साड़ी और गमछी बांटते हुए पकड़ लिया, वहीं एक अन्य गांव में ठहरे मतदान कर्मियों को शराब परोसे जाने की शिकायत भी सामने आयी है। इन मामलों में ग्रामीणों ने जमकर बवाल किया। इस घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

दरअसल जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 6 से प्रत्याशी कविता योगेश के समर्थकों द्वारा ग्रामीणों को साड़ी और गमछा बांटने की सूचना मिली। ग्रामीणों ने इस कृत्य का विरोध करते हुए सामान बांट रहे दो वाहनों को पकड़ लिया, लेकिन प्रत्याशी के समर्थक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गए।

यह मामला भखारा थाना क्षेत्र के गुजरा गांव का है, जहां स्थानीय लोगों ने प्रत्याशी द्वारा चुनाव प्रभावित करने के इस प्रयास को नाकाम किया। ग्रामीणों ने चुनाव आयोग और प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है, साथ ही प्रत्याशी का नामांकन रद्द करने की अपील की है। VIDEO :

आचार संहिता उल्लंघन का मामला

पंचायत चुनाव में किसी भी प्रकार का लुभावना उपहार देना, रिश्वत देना या वोट के लिए प्रलोभन देना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस घटना के बाद चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन मामले की जांच में जुट गया है।प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच के बाद अगर प्रत्याशी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

मतदान केंद्र में कर्मियों-सुरक्षाकर्मियों को शराब बांटने का आरोप

उधर चुनाव के ठीक पहली रात धमतरी के अर्जुनी गांव में हंगामा हो गया। गांव के शासकीय प्राथमिक शाला में बने मतदान केंद्र के बाहर आधी रात गांव के लोगों ने विरोध किया।

आरोप है कि मतदान केंद्र पर तैनात पुलिस और निर्वाचन की टीम को शराब परोसी गई। जैसे ही स्थानीय ग्रामीणों को इस घटना की जानकारी मिली, वे बड़ी संख्या में मतदान केंद्र के बाहर एकत्र हो गए और जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए जमकर नारेबाजी की। इसके अलावा, कुछ प्रत्याशियों और अन्य व्यक्तियों को मतदान केंद्र में अनधिकृत प्रवेश की अनुमति देने के विरोध में भी ग्रामीणों ने आक्रोश जताया।

इस घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया और मामले की जांच शुरू कर दी। चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, मतदान केंद्र में किसी भी प्रकार के नशीले पदार्थों का सेवन या वितरण पूर्णत: प्रतिबंधित है, और यह आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन माना जाता है।

तहसीलदार सूरज बंछोर ने कहा कि उन्हें हंगामे की सूचना मिली थी। वह मामले की जांच कर रहे हैं। दूसरी तरफ पुलिस के जो अधिकारी हैं, उन्होंने लोगों से बातचीत कर हंगामा का कारण समझने की कोशिश की और उन्हें आश्वासन दिया कि जांच की जाएगी।