रायपुर। MMI Narayana हॉस्पिटल में मोहम्मद रफीक नाम के एक मरीज की मौत हो गई। मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चार दिन पहले मरीज को बाईपास सर्जरी के लिए MMI अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाहीपूर्वक ईलाज करने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने कहा कि डॉक्टर एसएस पाढ़ी और डॉक्टर वसीम खान ने मरीज की बाईपास सर्जरी की। लापरवाही के चलते मरीज के पैर काटा गया जिसके बाद उसकी मौत हो गई। अब तक ईलाज के नाम पर 10 लाख रूपए का बिल अस्पताल को चुका गया है और कुछ राशि बकाया है। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं, अस्पताल प्रबंधन इस मामले में जवाब देने से बच रहा है।
TRP News ने MMI प्रबंधन का पक्ष जानने अस्पताल के PRO रवि भगत को फोन लगाया लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।
सितंबर 2024 में खेमानी परिवार ने लगाया था आरोप
हालांकि, MMI अस्पताल में ऐसे हादसे पहले भी हुए हैं जिसमें अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लग चुके हैं। सितंबर 2024 में खेमानी परिवार ने अस्पताल पर आरोप लगाए थे कि लापरवाही से उनके परिजन की मौत हुई। दरअसल, टाटीबंध निवासी ओम खेमानी ने यह आरोप लगाया था कि उनकी माता भारती देवी खेमानी की हालत बिगड़ने पर 2 सितंबर को उन्हें MMI Narayana अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 10 दिनों के ईलाज के बावजूद हालत में सुधार न होने पर डॉक्टरों ने उन्हें हैदराबाद रेफर किया।
मरीज को रायपुर से हैदराबाद ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने रेड एंबुलेंस कंपनी से एयर एंबुलेंस बुक की थी। एयर एंबुलेंस रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंची और मरीज को वहां से एयर एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया। ओम ने आरोप लगाया कि एयर एंबुलेंस ने बिना किसी तकनीकी जांच के टेकऑफ की और ऑक्सीजन सपोर्ट मशीन काम नहीं कर रही थी। उड़ान भरते ही जब मरीज को ऑक्सीजन देना शुरू किया गया तो मशीन ने काम करना बंद कर दिया। मेडिकल स्टाफ ने अन्य तरीकों से ऑक्सीजन देने की कोशिश की, लेकिन मरीज करीब 15 मिनट तक तड़पती रही, एयर एंबुलेंस से उतार कर पुनः रेड एंबुलेंस से अस्पताल लाया गया। मगर एंबुलेंस में भी किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं थी। मरीज के परिजन जैसे ही अस्पताल पहुंचे मरीज की मौत हो गई।
वहीं, इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट कलेक्टर के पास पहुंच चुकी है और फाइल कलेक्टर कार्यालय में अटकी हुई है। पीड़ित परिवार ने सरकार से अस्पताल के खिलाफ कड़ा रूख अपनाने की मांग की है।