0 सुप्रीम कोर्ट ने MCI के नियम को बरकरार रखा

नई दिल्ली। अगर कोई छात्र विदेश के किसी संस्थान से MBBS की पढ़ाई करने की सोच रहा है तो अब उसे पहले भारत में NEET UG परीक्षा पास करनी होगी, उसके बाद ही विदेश से एमबीबीएस कर सकेगा। अब बिना नीट परीक्षा पास किए विदेशी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिलेगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने विदेश से मेडिकल कोर्स करने के लिए नीट यूजी परीक्षा की वैलिडिटी में MCI के नियम को बरकरार रखा है।

MCI के नियम को सुको में दी गई थी चुनौती

MBBS Admission Guideline: दरअसल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने एक नियम बनाया है, जिसके तहत किसी भी भारतीय स्टूडेंट को विदेशी संस्थान से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए नीट परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। एमसीआई के इस नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) के नियम को बदलने से इनकार कर दिया है और इस नियम को जस का तस बरकरार रखा है। अब भारतीय स्टूडेंट्स को किसी भी देश के मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस करने के लिए नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्‍ट (NEET) पास करना अनिवार्य होगा। एमसीआई के 2018 के नियम के तहत विदेश में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों को मेडिकल की प्रैक्टिस करने के लिए निर्धारित मानकों को पूरा करना होगा।

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने ?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान एमसीआई के इस नियम को निष्पक्ष और पारदर्शी बताया और कहा कि यह नियम किसी भी वैधानिक प्रावधान के साथ टकराव नहीं करता है। जस्टिस बी. आर. गवई और के. विनोद चंद्रन की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।

विदेशों में लाखों छात्र कर रहे मेडिकल की पढ़ाई

गौरतलब हैं कि भारत में मेडिकल की पढ़ाई के लिए NEET के होने वाले एग्जाम में हर वर्ष लाखों लोग बैठते हैं। इनमें से अच्छे नंबर पाने वाले विद्यार्थियों का ही देश भर के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश हो पाता है। इसके अलावा आर्थिक रूप से सक्षम लोग उन देशों में मेडिकल की पढ़ाई करने चले जाते हैं जहां उन्हें अच्छे नंबर की बजाय अच्छी रकम देने से एडमिशन मिल जाता है। ऐसे लोगों को तब मुश्किल हो गई जब MCI ने विदेशों में भी मेडिकल में प्रवेश के लिए NEET की परीक्षा पास करना अनिवार्य कर दिया। इसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में अटका रहा और तब तक बड़ी संख्या में छात्र मेडिकल की पढ़ाई करके लौट चुके है और कई अभी भी पढ़ाई कर रहे हैं। हालांकि इन्हें भारत में प्रैक्टिस करने के लिए यहां की परीक्षा पास करनी ही होगी मगर अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद विदेशों में भी मेडिकल में प्रवेश के लिए छात्रों को नीट की परीक्षा पास करनी होगी। ऐसे में अब विदेश में मेडिकल करने वालों की संख्या घटना स्वाभाविक है।