कोरबा। नगर निगम कोरबा के सभापति नूतन सिंह ठाकुर को भाजपा ने 6 साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है। पार्टी ने हाल ही में हुए सभापति के चुनाव में हितानंद अग्रवाल को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार घोषित किया था, मगर उसके खिलाफ बीजेपी के ही पार्षद नूतन सिंह ठाकुर ने सभापति के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया। जिसे बीजेपी के अधिकांश पार्षदों ने अपना मत देकर सभापति भी बना दिया। इस मामले में पार्टी की जमजम कर किरकिरी हुई और आखिरकार पार्टी हाईकमान ने बागी नूतन सिंह ठाकुर पर निष्कासन की गाज गिरा दी।

पर्यवेक्षक के सामने हुआ था हंगामा

दरअसल भाजपा ने रायपुर विधायक पुरंदर मिश्रा को पर्यवेक्षक बनाकर कोरबा भेजा था। पर्यवेक्षक द्वारा संगठन के फैसले के मुताबिक सभापति पद के लिए हितानंद अग्रवाल का नाम जैसे ही घोषित किया गया अनेक बीजेपी पार्षदों ने पर्यवेक्षक और मंत्री लखनलाल देवांगन के सामने हंगामा करते हुए जमकर विरोध प्रदर्शन किया।

पार्टी के फैसले के खिलाफ गए नूतन

पार्षदों के इस विरोध के दौरान ही बीजेपी पार्षद नूतन सिंह ठाकुर ने बागी रूख एख्तियार करते हुए सभापति के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इस तरह सभापति के चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हितानन्द अग्रवाल के अलावा बागी नूतन सिंह और निर्दलीय प्रत्याशी अब्दुल रहमान ने चुनाव लड़ा, वही कांग्रेस ने कोई भी प्रत्याशी खड़ा नहीं किया। इस चुनाव में नूतन ठाकुर को कुल 33 वोट मिल गए, वहीं हितानन्द को 18 और अब्दुल रहमान को 11 वोट मिले। लिहाजा नूतन ठाकुर चुनाव जीत गए और भाजपा के प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। इस चुनाव में बीजेपी के कई पार्षदों ने क्रॉस वोटिंग की जिससे पूरा खेल बिगड़ गया।

मतदान के पूर्व अफवाहों से बनी भ्रम की स्थिति

बताया जा रहा है कि सभापति के चुनाव दौरान यह अफवाह फैलाया गया कि बीजेपी पार्षदों की पसंद नूतन सिंह ठाकुर हैं, मगर यह जानकारी भी सामने आयी है कि नूतन ने सभापति के लिए जो फार्म भरा उसमें प्रस्तावक और समर्थक भाजपा से पूर्व में निष्कासित पार्षदों के हस्तक्षर थे। इसमें पार्टी के किसी भी पार्षद ने हस्ताक्षर नहीं किये। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि मतदान के ठीक पहले पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने पार्षदों से कहा कि ऊपर बात हो गई है, नूतन हमारे अधिकृत प्रत्याशी हैं। इससे भ्रम की स्थिति बनी और अधिकांश पार्षदों ने नूतन के पक्ष में मतदान कर दिया। इस बात की शिकायत हाई कमान से की गई है जिसकी जांच के बाद कार्रवाई की बात कही जा रही है।

किरकिरी के बाद पार्टी ने की कार्यवाही

इस घटनाक्रम से जिले के विधायक और मंत्री लखन देवांगन सहित पार्टी संगठन की जमकर किरकिरी हुई। वहीं बीजेपी हाईकमान ने भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की। इसी कड़ी में आज प्रदेश महामंत्री जगदीश रामू रोहरा ने कोरबा नगर निगम के निर्वाचित सभापति नूतन सिंह ठाकुर को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। बताया जा रहा है कि अब वे पार्षद बीजेपी के निशाने पर होंगे जिन्होंने पार्टी पर्यवेक्षक और मंत्री के सामने प्रदर्शन कर अधिकृत प्रत्याशी हितानन्द अग्रवाल का विरोध किया था।

नूतन ठाकुर ने क्या कहा..?

इस बीच आज ही नूतन ठाकुर ने निगम में सभापति का पदभार संभाल लिया है। नूतन ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैं भाजपा का था, हूं और रहूंगा। निष्कासन आदेश जारी होने के बाद फिर उन्होंने कहा कि, हितानंद अग्रवाल को पार्षदों ने क्यों पसंद नहीं किया। इसकी जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को दूंगा। मैं भाजपा का छोटा सा कार्यकर्ता हूं और रहूंगा। 33 भाजपा पार्षदों ने सभापति के लिए मुझे जनादेश दिया है। सभापति के रूप में निगम के 67 पार्षदों के हितों की रक्षा करने, कोरबा शहर का चौतरफा विकास करने और नियमों के अनुसार निगम को चलाने का दायित्व पूरी निष्ठा से पूरा करता रहूंगा।