टीआरपी डेस्क। संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत आज से हुई, लेकिन सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने मणिपुर हिंसा और मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी को लेकर हंगामा शुरू कर दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन सदन में लगातार नारेबाजी जारी रही।

लोकसभा में राहुल गांधी ने वोटर लिस्ट का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पूरे देश में मतदाता सूची को लेकर सवाल उठ रहे हैं और इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मतदाता सूची में कथित हेराफेरी से लोकतंत्र खतरे में पड़ सकता है।

संसद में भाषा विवाद भी गर्माया, जब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने डीएमके पर हमला बोलते हुए कहा कि तमिलनाडु सरकार छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और केवल भाषा की राजनीति कर रही है। उन्होंने डीएमके पर बेईमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे तमिलनाडु के छात्रों के प्रति प्रतिबद्ध नहीं हैं और केवल अवरोध पैदा कर रहे हैं। इस पर डीएमके सांसदों ने कड़ा विरोध जताया, जिससे लोकसभा की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इसी दौरान बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने भी डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा कि तमिल सबसे पुरानी भाषा हो सकती है, लेकिन संस्कृत उससे भी पुरानी है। उन्होंने कहा कि देशभर के मंदिरों में संस्कृत में ही पूजा होती है और डीएमके केवल भावना भड़काने का काम कर रही है।

मणिपुर हिंसा और ट्रंप प्रशासन से भारत के कूटनीतिक रुख को लेकर भी संसद में तीखी बहस की संभावना जताई जा रही है। सरकार की प्राथमिकता इस सत्र में बजटीय प्रक्रिया को पूरा करने, अनुदान मांगों को मंजूरी दिलाने और वक्फ संशोधन विधेयक पारित कराने पर रहेगी।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारतीय पुरातत्व विभाग में खाली पड़े पदों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि ताजमहल में दरारें आ रही हैं और पानी का रिसाव हो रहा है। उन्होंने सरकार से इन मुद्दों पर जवाब देने की मांग की।