टीआरपी डेस्क। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपनी पूर्वोत्तर यात्रा के दौरान 15 मार्च को मिजोरम की 7 साल की प्रतिभाशाली बच्ची, एस्थर लालदुहावमी हनामते को एक गिटार उपहार में दिया। यह खास मौका तब आया जब एस्थर ने आइजोल में “वंदे मातरम” की भावपूर्ण प्रस्तुति दी, जिसने वहां मौजूद सभी लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अमित शाह ने इस अनुभव को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा,
“भारत के प्रति प्रेम हम सभी को जोड़ता है। आज आइजोल में मिजोरम की चमत्कारी बच्ची एस्थर लालदुहावमी हनामते को ‘वंदे मातरम’ गाते हुए सुनकर भावुक हुआ। इस छोटी सी बच्ची के गीत में भारत माता के प्रति प्रेम झलक रहा था, जिसने इसे और भी खास बना दिया।”
कौन हैं एस्थर लालदुहावमी हनामते?
एस्थर लालदुहावमी हनामते मिजोरम की युवा गायन प्रतिभा हैं, जिन्होंने पहली बार 2020 में देश का ध्यान आकर्षित किया, जब उनका “मां तुझे सलाम” गाने का वीडियो वायरल हुआ। उनकी सुरीली आवाज और देशभक्ति की भावना ने उन्हें लोगों के दिलों में जगह दिलाई। मिजोरम सरकार ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया। उन्हें राज्यपाल की ओर से विशेष प्रशंसा भी मिली है। छोटी उम्र में ही उन्होंने अपने गायन से लाखों लोगों को प्रभावित किया है।
अमित शाह की मिजोरम यात्रा
अमित शाह 14 मार्च से पूर्वोत्तर की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। 15 मार्च को वह मिजोरम पहुंचे, जहां उन्होंने असम राइफल्स की जमीन मिजोरम सरकार को हस्तांतरित करने के समारोह में भाग लिया।
इस मौके पर शाह ने असम राइफल्स की सेवा भावना की सराहना की और सोशल मीडिया पर लिखा,
“असम राइफल्स ने मिजोरम के लोगों की सुरक्षा और भाईचारे के सिद्धांत को अपनाते हुए सेवा की है। आज, इस बल ने लोगों के हित में अपनी जमीन राज्य सरकार को सौंपकर अपनी प्रतिबद्धता का अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।”
मिजोरम के लिए ऐतिहासिक कदम
इस कार्यक्रम में शाह ने बताया कि असम राइफल्स मुख्यालय को आइजोल से जोखावसांग स्थानांतरित किया जा रहा है, जो भारत सरकार की मिजोरम के विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि मिजो समुदाय के प्रति सरकार की जिम्मेदारी को दर्शाने वाला कदम है। 35 सालों से यह मांग उठ रही थी, जो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णय से पूरी होने जा रही है।