0 जवाब नहीं दे सकीं मंत्री, तो आसंदी ने दिए निर्देश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में दिव्यांग जनों के लिए नौ वर्ष बाद भी पद चिन्हित न होने को लेकर समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े पक्ष विपक्ष के विधायकों के सवालों से घिरी रहीं। मंत्री से सटीक उत्तर न मिलते देख स्पीकर डॉ.रमन सिंह ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि 6 माह के भीतर दिव्यांगों के पदों को चिन्हित करें।

एक वर्ष में पूरा करना था काम

गुरूवार को प्रश्न काल में भाजपा के प्रबोध मिंज ने यह मामला उठाया। अपने तारांकित प्रश्न में मिंज ने कहा कि 2016 में दिव्यांग जन एक्ट के तहत पदों का चिन्हांकन एक वर्ष में किया जाना था? अब तक न होने के क्या कारण है? इस पर मंत्री राजवाड़े ने कहा कि जब कोई एक्ट बनता है तो समय लगता है। इस पर मिंज ने कहा कि इतने वर्ष से केवल चिन्हांकन ही चल रहा है। इसके अभाव में न दिव्यांगों की भर्ती हो रही न पदोन्नति। 9 वर्ष हो गए केवल प्रक्रियाधीन है। क्या इस ढिलाई पर कोई कार्रवाई करेंगे अफसरों पर। मंत्री राजवाड़े ने कहा कि 2016 से प्रक्रिया चल रही है। भर्ती और पदोन्नति के पद चिन्हित करने विभागों से अभिमत मांगा गया है जिस पर 24 विभागों ने दिया है 26 से आना बाकी है। 2030 का अधिनियम लागू नहीं है।

मिंज ने कहा कि लिखित उत्तर में तो 23 लागू करने कार्रवाई चल रही है, बताया गया है। यह कैसे? मिंज ने पूछा क्या सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2016 एक्ट लागू करने समाज कल्याण विभाग ने अपनी सहमति दी है? मंत्री ने कहा कि 2016 से अनुसार भर्ती की जा रही है। इसके मुताबिक सीधी भर्ती में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है और छत्तीसगढ़ में 7 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस पर स्पीकर डॉ. सिंह ने मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से कहा कि 2016-25 आ गया, 9 वर्ष हो गए पदों का चिन्हांकन नहीं हो पाया है। दिव्यांगों के लिए विभाग चिंता करें। समय सीमा तय कर लें कि अगले 3-4-6 माह में पद चिन्हांकन हो जाए।

महंत ने कहा – दिव्यांगों के साथ हो रहा है धोखा

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने इस मौके पर कहा कि यह दिव्यांगों के साथ धोखा है, अमानवीय व्यवहार है। इसके लिए सजा निर्धारित करना चाहिए। 9वर्ष से पद चिन्हित प्रक्रिया चलना पचने वाली बात नहीं है। उन्होंने प्रश्न किया कि प्रदेश में बैकलाग पदों की पूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने 31-5-24 को परिपत्र जारी किया था। मंत्री राजवाड़े निरूत्तरित रहीं। इस पर मिंज ने पद चिन्हांकन कि समय सीमा तय करने की घोषणा करने कहा। मंत्री इस पर भी चुप रहीं। तब स्पीकर डॉ. सिंह ने कहा कि दिव्यांगों के लिए कोई तो रास्ता निकालना चाहिए। उन्होंने इस पर अधिकारियों का रुख किया और कहा कि सीएस को इस पर 6 माह में निर्णय लेना चाहिए।