रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय के प्रौद्योगिकी संकाय द्वारा शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर, विश्वेश्वरैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस गौतम बुद्ध नगर, अल्ट्रा टेक सीमेंट और सेंटर फॉर एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल सस्टेनेबिलिटी के सहयोग से 17 और 18 अप्रैल 2025 को ‘सतत विकास के लिए उभरती प्रौद्योगिकी’ विषय पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।

“सतत विकास के लिए उभरती प्रौद्योगिकियां” पर आयोजित सम्मेलन ने पेशेवरों, शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों को सतत विकास पर उभरती प्रौद्योगिकियों की नवीनतम प्रगति, अनुप्रयोगों और संभावित प्रभावों पर चर्चा करने, साझा करने और अन्वेषण करने के लिए एक व्यापक मंच प्रदान किया।

कार्यक्रम का उद्घाटन पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन समारोह के साथ हुआ, जो ज्ञान और आत्मज्ञान का प्रतीक है। प्रतिष्ठित वक्ताओं ने सतत विकास के दृष्टिकोण पर अंतर्दृष्टि साझा की, जिसका उद्देश्य भविष्य की पीढ़ियों की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की आवश्यकताओं को पूरा करना और एक ऐसा समाज बनाना है जहां रहने की स्थिति और संसाधन उनकी उपयुक्तता को कम किए बिना मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करें। इस प्रकार दो दिनों तक विचारोत्तेजक चर्चाओं का मंच तैयार हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विश्वेश्वरैया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के सलाहकार डॉ. एस.पी. पांडे थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. शरद चंद्र श्रीवास्तव, प्रोफेसर और डीन, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर और डॉ. बृजेश पटेल, रिसर्च प्रोफेसर, नेशनल ताइवान यूनिवर्सिटी थे। उद्घाटन सत्र के दौरान कलिंगा विश्वविद्यालय के गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

डॉ. शरद श्रीवास्तव ने उद्योग 5.0 पर अपने विचार साझा किए, जिसे मानव-तकनीक साझेदारी के रूप में भी जाना जाता है, जो मानव रचनात्मकता, नवाचार और समस्या-समाधान कौशल के महत्व पर जोर देता है, साथ ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर भी जोर देता है।

कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज रायपुर के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष डॉ. अजय त्रिपाठी उपस्थित थे, जिन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में सौर पैनलों और ऊर्जा, उत्पादन और ताप प्रबंधन के उपयोग पर प्रकाश डाला।

डॉ. बृजेश ने ताइवान में नई तकनीकों का उपयोग करके बड़े पैमाने पर किए जा रहे सामाजिक कार्यों और प्रशासनिक कार्यों पर प्रकाश डाला। भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक सुमन कुमार गुप्ता ने तकनीकी क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले मानकों के बारे में बताया और यह भी बताया कि किस प्रकार तकनीक किसी विशेष सामग्री की विश्वसनीयता बढ़ाने में मदद करती है। डॉ. बोगीरेड्डी चंद्रा, सहायक प्रोफेसर, एएलटी विश्वविद्यालय, अल्माटी, कजाकिस्तान ने कजाकिस्तान में लॉजिस्टिक्स और परिवहन के क्षेत्र में तेजी से विकसित हो रहे नवाचारों के बारे में उदाहरण के साथ समझाया।

सम्मेलन में 550 से अधिक शिक्षाविदों ने भाग लिया तथा कुल 305 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। सम्मेलन में कुल 07 तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। प्रस्तुत शोध पत्रों के विषय थे – सतत कृषि और खाद्य सुरक्षा के लिए नवीन प्रौद्योगिकियां, वैश्विक स्वास्थ्य उन्नति के लिए सतत नवाचार, जल प्रबंधन और स्वच्छता के लिए उन्नत समाधान, सतत भविष्य के लिए परिवर्तनकारी ऊर्जा प्रौद्योगिकियां, लचीले और सतत विकास के लिए तकनीकी नवाचार, सतत विकास के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित शासन और न्याय तथा सतत शिक्षा के लिए नवीन शैक्षिक प्रौद्योगिकियां। तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ. एमजेडआर खान, डॉ. उदय राज, डॉ. सूरज मुक्ति एवं डॉ. एसपी शुक्ला ने की।

संयोजक डॉ. वी.सी. झा – प्रभारी डीन- प्रौद्योगिकी संकाय, डॉ. मनोज कुमार निगम – विभागाध्यक्ष, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग और डॉ. स्वप्निल जैन – सहायक प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग ने कहा कि अकादमिक सम्मेलन का एक उद्देश्य शोध पत्रों को संकलित करके एक पुस्तक प्रकाशित करना है ताकि पाठकों को विषय के बारे में जागरूक किया जा सके।

25 प्रोफेसरों और 30 छात्रों के गतिशील सहयोग ने सम्मेलन के निर्बाध क्रियान्वयन को सुनिश्चित किया।

अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नया रायपुर विकास प्राधिकरण, भारतीय मानक ब्यूरो रायपुर, गुड होप ब्लड सेंटर रायपुर, अवनी पब्लिकेशन, केआईपीएम टेक्निकल कैम्पस गोरखपुर, मेरी लाडो रायपुर, सीआईटी साइंस कॉलेज अभनपुर, कल्पवृक्ष इंप्रेशन प्राइवेट लिमिटेड, कैरियर तोशिबा रायपुर, प्रेम आर्ट गैलरी मोवा, रॉयल इलेक्ट्रिकल एंड सोलर एनर्जी सॉल्यूशन्स एंड सर्विसेज रायपुर, मेडिंग्लिश लर्न, एमएस कंस्ट्रक्शन रायपुर, भिलाई कैन डू पर्वत फाउंडेशन, बालाजी विद्या मंदिर रायपुर, बिल्डक्राफ्ट इंजीनियरिंग एंड आर्किटेक्ट रायपुर, दुर्गा अर्थ मूवर्स भाटापारा, चंद्रा ट्रांसपोर्ट जांजगीर चांपा, हरि टूर एंड ट्रेवल्स और मौर्य भारत गैस मोवा के प्रतिनिधियों ने अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन में भागीदार के रूप में भाग लिया।