रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय सेवकों की वार्षिक गोपनीय चरित्रावली (सीआर) तैयार करने के पुराने पैटर्न में बड़ा बदलाव करते हुए अब कर्मचारियों का मूल्यांकन अंकों के आधार पर करने का निर्णय लिया है। यह नया बदलाव अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को छोड़कर सभी शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू होगा।

अब तक होता था श्रेणी आधारित मूल्यांकन
पहले तक कर्मचारियों की सीआर को क, ख, ग, घ जैसी श्रेणियों में विभाजित कर मूल्यांकन किया जाता था। लेकिन अब यह पूरी प्रक्रिया संख्यात्मक ग्रेडिंग प्रणाली पर आधारित होगी, जिसमें 0 से 10 तक अंक दिए जाएंगे। इससे मूल्यांकन अधिक पारदर्शी, वस्तुनिष्ठ और तुलनात्मक हो सकेगा।
बदलाव का उद्देश्य
सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार, वार्षिक कार्य निष्पादन मूल्यांकन प्रतिवेदन का उद्देश्य कर्मचारियों की कार्य क्षमता, नियमों की समझ, कार्य शैली और व्यवहार का समग्र आकलन करना है। यह रिपोर्ट किसी भी कर्मचारी के भविष्य की सेवाओं, पदोन्नति, वेतन वृद्धि आदि के लिए आधार बनती है। इसलिए इसे बिना किसी पक्षपात के, पूरी सावधानी और वस्तुनिष्ठता से भरने के निर्देश दिए गए हैं।
अब डिजिटल पोर्टल पर होगी सीआर
राज्य सरकार ने सीआर प्रक्रिया को डिजिटल करने के लिए स्पारोआव (SPARROW) नामक पोर्टल का उपयोग शुरू कर दिया है, जिसे एनआईसी द्वारा विकसित किया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से सभी स्तरों के अधिकारी और कर्मचारी (केंद्र सेवाओं को छोड़कर) अपना वार्षिक मूल्यांकन प्रस्तुत करेंगे।
नए फॉर्मेट के तहत चार तरह के नवीन प्रपत्र तय किए गए हैं:
- प्रथम व द्वितीय श्रेणी के अधिकारी- प्रपत्र-1
- कार्यपालिक तृतीय श्रेणी- प्रपत्र-2
- तृतीय श्रेणी कर्मचारी- प्रपत्र-3
- शीघ्रलेखक व चतुर्थ श्रेणी- प्रपत्र-4
पुरानी श्रेणियों को अंक में बदला जाएगा
वर्तमान में जिन कर्मचारियों की पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है, उनके पिछले वर्ष के विवरणात्मक सीआर को संख्यात्मक अंकों में बदला जाएगा, जिससे उनके मूल्यांकन में स्पष्टता आ सके। पुराने क, ख, ग, घ जैसे श्रेणियों को अब 0 से 10 अंकों में रूपांतरित किया जाएगा।
दूसरे चरण में शामिल होंगे ये विभाग
द्वितीय चरण में यह प्रणाली स्कूल शिक्षा, गृह, उच्च शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, और स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आने वाले संवर्गों पर भी लागू की जाएगी। इनमें शामिल होंगे:
- शिक्षक संवर्ग
- आरक्षक एवं पुलिस कर्मी (उप पुलिस अधीक्षक से नीचे)
- प्राध्यापक
- परियोजना अधिकारी व पर्यवेक्षक
- स्टाफ नर्स, ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक आदि
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि वर्ष 2024-25 के लिए सीआर यदि पुराने फॉर्मेट में तैयार की गई तो वह मान्य नहीं होगी। केवल नई प्रणाली और निर्धारित प्रपत्रों का उपयोग ही मान्य होगा।