नई दिल्ली। Census will be conducted in country from 1st March 2027: देश की लंबे समय से लंबित जनगणना और जातिगत गणना की प्रक्रिया अब तय हो गई है। केंद्र सरकार ने 1 मार्च 2027 से देशभर में जनगणना और जाति आधारित गणना शुरू करने का अस्थायी कार्यक्रम निर्धारित किया है।

जबकि, हिमालयी और विशेष भौगोलिक परिस्थितियों वाले राज्य जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और उत्तराखंड में यह जनगणना प्रक्रिया अन्य राज्यों से पहले, अक्टूबर 2026 से शुरू कर दी जाएगी। वहां मौसम की कठिनाइयों और दुर्गम क्षेत्रों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

जनगणना अधिनियम, 1948 की धारा 3 के तहत, 1 मार्च 2027 को जनगणना की संदर्भ तिथि घोषित की जाएगी और संबंधित अधिसूचना 16 जून 2025 को राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी। इसके बाद जनगणना की आधिकारिक तैयारियां प्रारंभ हो जाएंगी।

बता दें कि इस बड़े फैसले की पृष्ठभूमि में अप्रैल में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से की गई घोषणा थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति ने आगामी जनगणना में जातिगत आंकड़ों को शामिल करने की स्वीकृति दे दी है।

कोविड-19 के कारण टली थी जनगणना

बता दें कि भारत में यह जनगणना मूल रूप से अप्रैल 2020 में आयोजित की जानी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अगर इसे तय समय पर किया गया होता, तो अंतिम रिपोर्ट 2021 तक सामने आ जाती।