टीआरपी डेस्क। गुजरात के वडोदरा जिले में आज एक भीषण हादसा हुआ है, महीसागर नदी पर बना 43 साल पुराना पुल अचानक बीच से टूट गया। यह पुल वडोदरा को आणंद जिले से जोड़ता था और क्षेत्र का एक व्यस्त यातायात मार्ग भी था। हादसे के दौरान पुल पर चल रहे कई वाहन सीधे नदी में जा गिरे, जिससे घटनास्थल पर हड़कंप मच गया।

हादसे में 2 की मौत, 5 लोगों का हुआ रेस्क्यू

जानकारी के मुताबिक घटना में अब तक 2 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और रेस्क्यू टीन ने अब तक 5 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। नदी में बचे हुए वाहनों और संभावित घायलों की तलाश अब भी जारी है।

रेस्क्यू में जुटा जिला प्रशासन

घटना की सूचना मिलते ही 108 एम्बुलेंस सेवा और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य में स्थानीय तैराकों, दमकल विभाग और NDRF की टीमें जुटी हुई हैं। नदी में गिरे वाहनों को बाहर निकालने का जारी है।

43 साल पुराना पुल, बड़ी चूक ?

हादसे में टूटे पुल की उम्र 43 वर्ष बताई जा रही है। यह पुल सालों से वडोदरा और आणंद जिलों के बीच आवागमन का सबसे व्यस्त मार्गों में से एक था। अब इस हादसे ने इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता और नियमित निरीक्षण को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

मामले में प्रशासन करेगा जांच ?

स्थानीय प्रशासन की ओर से जांच के आदेश की संभावना जताई जा रही है। साथ ही इस हादसे के पीछे की असली वजह जानने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की टीम से सर्वे कराए जाने की तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।

घटना को लेकर शहरवासियों में आक्रोश

घटना के बाद स्थानीय लोगों और राहगीरों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि पुल की स्थिति लंबे समय से जर्जर थी लेकिन प्रशासन ने इसके रखरखाव पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। अगर समय रहते मरम्मत हो जाती, तो यह हादसा टल सकता था और जिन लोगों ने जान गंवाई उनकी जान बचाई जा सकती थी।

वडोदरा में हुआ यह हादसा सिर्फ एक तकनीकी विफलता नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण बनकर सामने आया है। अब देखना यह है कि शासन की ओर से जिम्मेदारों के विरुद्ध कितनी कठोर कार्रवाई की जाती है ?