टीएआरपी डेस्क। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए उनके बयान के खिलाफ दी गई याचिका को खारिज कर दिया है। वीके सिंह (VK Singh) इस वक्त सड़क परिवहन और राज्य राजमार्ग के राज्य मंत्री हैं। उनके चीन और भारत की सीमा LAC को लेकर दिए गए बयान पर सीजेआई एन वी रमना ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आपको किसी मंत्री का बयान पसंद नहीं है तो क्या आप याचिका दाखिल करके उसे हटाने के लिए कहेंगे?

राष्ट्र के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप
इस पर वकील ने तर्क दिया कि उन्होंने सेना के खिलाफ बयान दिया है। जिस पर सीजेआई ने कहा कि क्या आप वैज्ञानिक हैं, समाधान खोजने के लिए अपनी ऊर्जा का सही जगह इस्तेमाल करें। अगर वो एक अच्छे मंत्री नहीं है तो प्रधानमंत्री इस बात पर गौर करेंगे। याचिका में आरोप लगाया गया था कि जनरल वीके सिंह (रिटायर्ड) ने अपनी शपथ का उल्लंघन किया। याचिका में वीके सिंह पर राष्ट्र के खिलाफ नफरत, अवमानना और असंतोष फैलाने का आरोप लगाया गया था।
जनहित याचिका में सिंह की इस टिप्पणी का विरोध किया गया था कि भारत ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की तुलना में LAC (वास्तविक नियंत्रण रेखा) के पार अधिक बार अतिक्रमण किया है। जिससे न केवल चीन को एक अवसर मिला बल्कि इस विषय पर भारत की लंबे समय से चली आ रही आधिकारिक स्थिति का भी खंडन किया।
बता दें, वीके सिंह के मदुरै में 7 फरवरी को LAC के मुद्दो के लेकर भाषण दिया था। बयान में उन्होंने कहा था कि आपमें से किसी को भी ये नहीं पता कि अपनी धारणा के अनुसार हमने कितनी बार LAC का उल्लंघन किया है। सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि मैं आप सभी को आश्वस्त करता हूं कि अगर चीन ने 10 बार उल्लंघन किया है तो हमें अपनी धारणा के अनुसार इसे कम से कम 50 बार करना चाहिए।
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