राजधानी में नई पार्किंग व्यवस्था का विरोध क्यों ? रोड साइड पार्किंग की व्यवस्था के लिए बीच का रास्ता निकालने की है जरुरत
राजधानी में नई पार्किंग व्यवस्था का विरोध क्यों ? रोड साइड पार्किंग की व्यवस्था के लिए बीच का रास्ता निकालने की है जरुरत

रायपुर। महानगर का रूप लेते जा रही छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में यातायात की समस्या विकराल होती जा रही है।  इसमें सुधार के लिए  पे-पार्किंग की शुरुआत तेलीबांधा तालाब याने मरीन ड्राइव से की गई, मगर पहले दिन से ही इसका विरोध शुरू हो गया। जिसे देखते हुए इस व्यवस्था को फ़िलहाल स्थगित रखा गया है, वहीं एक सुझाव यह भी आया है कि यहां

मॉर्निंग वॉक के दौरान पार्किंग को फ्री रखा जाये

दरअसल शहर की यातायात व्यवस्था  को दुरुस्त करने के लिए नगर निगम ने ऐसी सड़कों  को चुना, जहां लोग सड़क पर ही अपने वाहन पार्क करते हैं। इसके लिए रोड साइड पार्किंग अर्थात वाहन  खड़ी करने पर शुल्क लेने की नई  व्यवस्था बहाल करने का फैसला किया गया. इसके तहत सबसे पहले मरीन ड्राइव के नाम से मशहूर तेलीबांधा तालाब का चयन किया गया।  यहां  हर रोज वाहनों की लम्बी कतार होती है। इसे देखते हुए यहां वाहन  खडी करने पर शुल्क लेने का प्रावधान करते हुए इस जगह को ठेके पर दे दिया गया।

पहले ही दिन नई व्यवस्था का हुआ विरोध

मरीन ड्राइव में जैसे ही रोड साइड पार्किंग की नई व्यवस्था शुरू हुई, यहां  सुबह के वक्त वॉक  करने पहुंचे लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। इस बीच नई   व्यवस्था को लेकर राजनीती भी शुरू हो गई, जबकि इसे नगर निगम की बैठक में पारित करने के बाद सड़क सुरक्षा समिति की अनुमति से शुरू किया गया था।

क्या है नए सुझाव..?

मरीन ड्राइव में शुरू की गई रोड साइड पार्किंग की व्यवस्था को लेकर लोग दो समूहों में बंट गए हैं , एक गुट इसका विरोध कर रहा है तो दूसरा इसमें कुछ सुधार  करके इसे लागू करने के पक्ष में है। इनका सुझाव है कि मॉर्निंग वाक के लिए यहां  आने वालों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुबह 05 बजे से 10 बजे तक यहां पार्किंग को फ्री कर दिया जाये। उसके बाद दिन भर शुल्क की व्यवस्था हो।

बेतरतीब वाहनों से होती है परेशानी

तेलीबांधा तालाब शहर का एक ऐसा स्थान है जहां  सुबह से ही लोगों  की आवाजाही शुरू हो जाती है। दिन के वक्त मरीन ड्राइव के सामने स्थित सड़क के उस पार दुकानों के सामने वाहनों की कतार लगने के बाद लोग इधर भी अपनी गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। वहीं शाम के वक्त तो यहाँ मजमा लग जाता है। सड़क के दोनों ओर इतनी गाड़ियां  खड़ी  हो जाती हैं कि यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए ट्रेफिक के जवानो की पूरी टीम को अलग से तैनात करना पडता है।

बड़े काम्प्लेक्स में नहीं है पार्किंग का इंतजाम

मरीन ड्राइव के सामने जितने भी काम्प्लेक्स  स्थित हैं, वहां संचालकों ने पार्किंग का कोई इंतजाम ही नहीं किया है। यही वजह है कि लोगों  को अपनी गाड़ियां सड़क पर ही खड़ी करनी पड़ती है। बहरहाल जरुरत है नई  व्यवस्था को स्वीकार करते हुए इसमें कुछ बदलाव करने की, ताकि आम लोगों  को परेशानी न हो और यातायात व्यवस्था में सुधार हो सके। अन्यथा आने वाले समय में शहर की यातायात की समस्या और भी विकराल होती चली जाएगी।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर