टीआरपी डेस्क। भारत में इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। सरकार ने उन लोगों को एक और छूट की पेशकश की है जो इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को अपनाने की योजना बना रहे हैं। केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि ईवी-मालिकों को अब रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट फीस (पंजीकरण प्रमाणपत्र शुल्क) का भुगतान करने की जरूरत नहीं है।

बता दें कि इस संबंध में मंगलवार को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह सभी बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों को पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी करने या रिन्यूअल (नवीनीकरण) के लिए शुल्क के भुगतान से छूट देता है। मंत्रालय ने यह भी कहा है कि बैटरी से चलने वाले वाहनों को नए पंजीकरण चिह्नों के असाइनमेंट के लिए शुल्क के भुगतान से छूट दी गई है।
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और दिनों दिन बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने के साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु सरकार ने यह फैसला किया है।
मंत्रालय ने 27 मई, 2021 को बैटरी से चलने वाले वाहनों (बीओवी) की छूट का प्रस्ताव करते हुए एक मसौदा अधिसूचना जारी की, जिसमें मसौदा अधिसूचना की तारीख से 30 दिनों के भीतर आम जनता और हितधारकों से टिप्पणियां मांगी गईं। मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि “उक्त राजपत्र अधिसूचना की प्रतियां 31 मई, 2021 को जनता के लिए उपलब्ध कराई गईं; और जबकि, उक्त मसौदा नियमों के संबंध में जनता से कोई आपत्ति और सुझाव नहीं मिले थे।”
सरकार ने कहा कि इन नियमों को केंद्रीय मोटर वाहन (सोलहवां संशोधन) नियम, 2021 कहा जा सकता है और ये आधिकारिक राजपत्र में उनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।
इस समय, भारत में कुल वाहनों की बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी सिर्फ 1.3 फीसदी है। हालांकि, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे कई अन्य राज्यों ने अपनी ईवी नीतियों को अधिसूचित किया है और इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए कई इंसेंटिव की पेशकश की है।