पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय

दामिनी बंजारे/ रायपुर। पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य चलाई जा रही स्कीम छात्र कल्याण कोष (Student Welfare Fund) का लाभ छात्रों को नहीं मिल पा रहा है। ऐसा हम नहीं रविवि से प्राप्त आंकड़े बता रहे हैं। दरअसल पिछले 11 वर्षों में महज 37 छात्रों को ही इस कोष से लाभ मिल सका है।

हैरत की बात यह है कि वर्तमान छात्र नेताओं को भी इसकी जानकारी नहीं है। इसके चलते भी अधिकांश छात्र इस कोष का लाभ लेने से वंचित हैं।

समिति के तहत होता है संचालन

इस समिति में कुल आठ सदस्य होते हैं, विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव अध्यक्ष, अधिष्ठाता छात्र कल्याण के सचिव साथ ही इसके अलावा वित्त नियंत्रक प्राचार्य व छात्रसंघ का अध्यक्ष समिति के सदस्य होता है, ताकि छात्र की जरूरतों को समिति के समक्ष रखी जा सके। हर साल इस कोष के तहत आवेदन भी मंगवाए जाते हैं।

क्या है छात्र कल्याण कोष

रविवि द्वारा प्रति वर्ष निर्धन छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से 31 मार्च 1980 में इस स्कीम शुरूआत की गई थी। रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के विनियम क्रमांक 51 के निहित प्रावधान के अनुसार छात्र कल्याण कोष समिति का प्रति वर्ष गठन किया जाता है।

हर वर्ष 15 छात्रों को मिलना चाहिए लाभ

छात्र कल्याण कोष के जरिए हर साल न्यूनतम 15 छात्रों को लाभ दिये जाने का नियम है। यदि ज्यादा आवेदन आते है तो वह भी नियमों के तहत स्वीकार किए जा सकते हैं। मगर विवि प्रबंधन का कहना है कि इस सहायता राशि की ओर छात्रों का रुझान ही नहीं है। जब की छात्रों की बात करें तो कुछ को तो इसकी जानकारी ही नहीं है।

जिम्मेदार अधिकारियों का कहना है कि 2012 व 2013 में इस सहायता राशि के लिए किसी भी छात्र ने आवेदन ही नहीं किया। बता दें इस सहायता राशि में अनुसूचित जाती के लिए दो लाख रुपये व अनुसूचित जनजाति तीन लाख व ओबीसी के लिए एक लाख तक की सहायता राशि का प्रावधान है।

मिलती है 25 हजार रुपये की सहायता  

2010 से अब तक सबसे अधिकतम राशि जो छात्रों को दी गई है, वह 25 हजार रुपये की है। यह राशि उन्हें उनकी कोचिंग फीस व विश्वविद्यालय में खर्च होने वाली राशि के रसीद देने पर दिया जाता है। जिसके लिए आवश्यक दस्तावेज शुल्क जमा की गई। रसीद  की मूल प्रति या विभागाध्यक्ष द्वारा सत्यापित छायाप्रति, आय प्रमाण पत्र, अध्ययनशाला द्वारा जारी परिचय पत्र, बीपीएल कार्ड की कॉपी मूल निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, अंकसूचियों की छायाप्रति मंगाई जाती है। जिसके आधार पर यह सहायता राशि दी जाती है।

छात्रों को आवेदन की जानकारी

13 मार्च 1980 में इसकी शुरुआत हुई थी। जिसके बाद से अब तक और पिछले 11 वर्षों में लगभग 165 लोगों इसका लाभ मिला था, लेकिन अधिकारियों के अनुसार छात्रों में इसके प्रति रुझान न होने की वजह से 11 सालों में केवल  37 छात्रों ने ही सहायता राशि के लिए आवेदन किये है। वहीं इसमें 2012 व 2013 में किसी भी छात्र ने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया। दस वर्षों में 1 लाख 6 हजार 651 रुपये  से अधिक (जिसमें कुछ वर्षों की राशि की जानकारी नहीं दी गई) उसके बिना दी गई, की सहायता राशि दी गई जानकारी। वहीं 2020-2021 में नौ छात्रों 63 हजार 940 रुपये छात्र कल्याण कोष माध्यम से सहायता रुपए राशि दी गई।

सहायता राशि के वर्षवार आंकड़े

  • 2010 – तीन छात्रों ने आवेदन किया।  
  • 2011 – छह छात्रों ने आवेदन किया।  
  • 2012 – शून्य
  • 2013-  शून्य
  • 2014 – दो छात्रों ने आवेदन जिसमें एक को 20 हजार व दूसरे को  25 हजार की सहायता राशि दी गई थी।
  • 2015 – तीन छात्रों ने आवेदन जिसमें एक को 25 हजार दो लोगो को 2900 की सहायता राशि दी गई थी।  
  • 2016 – एक ने ही आवेदन जिसे 21 हजार 750 सहायता राशि दी  गई थी।
  •  2017 – तीन छात्रों ने आवेदन किया जिसमें से एक रद्द किया गया। ( शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स में प्रावधान नहीं )
  • 2018 – 12001 रुपए सहायता राशि दी गई। आवेदन की तिथि बड़ाई गई जिसके बाद चार नए छात्रों ने आवेदन किया।
  • 2019 – चार ने आवेदन किया जिन्हें सहायता राशि दी गई।
  • 2020 – दस में नौ छात्रों सहायता राशि दी गई, ( एक छात्र के दस्तावेज अपूर्ण थे।)

इसके साथ ही इस वर्ष भी 31 दिसंबर तक आवेदन मंगाए गए है।

2020-2021 इन विषयों के छात्रों को मिली सहायता राशि

  • कम्प्यूटर साइंस आई टी अध्ययनशाला – 21 हजार 750 रुपये
  • दर्शन एवं योग- चार हजार 840 रुपये
  • जैव प्रौद्योगिकी – 25 हजार रुपये
  • शारीरिक शिक्षा – 17 सौ 40 रुपये
  • रसायन -17 सौ 60 रुपये
  • इलेक्ट्रॉनिक्स एवं फोटोनिक्स- 17 सौ 40 रुपये
  • साहित्य एवं भाषा – 36 सौ  30 रुपये
  • ग्रंथालय एवं सूचना विज्ञान- 17  सौ 40 रुपये
  • ग्रंथालय एवं सूचना विज्ञान -17  सौ 40 रुपये

नौ छात्रों को छात्र कल्याण कोष के माध्यम से 63 हजार 940 सहायता रुपये की राशि दी गई  

क्या कहते हैं जिम्मेदार

हम चाहते ही है इसका लाभ सभी निर्धन छात्रों मिले। हम प्रतिवर्ष सभी विभागों में इसकी आदेश की कॉपी भेजते है। साथ ही समाचार पत्रों के जरिए भी इसकी जानकारी दी जाती है। मगर छात्रों का इसमें रुझान न होने या अन्य छात्रवृत्ति की वजह से कई छात्र इसके लिए आवेदन नहीं करते हैं।

राजीव चौधरी, अधिष्ठाता छात्र कल्याण सचिव

छात्रसंघ के नेताओं को नहीं जानकारी!

रविशंकर विश्वविद्यालय के छात्रसंघ के अध्यक्ष पुष्पकांत साहू व उपाध्यक्ष सोनिया चावला से छात्र कल्याण कोष के विषय में बात की गई तो बताया की 2019- 20 में जब वो पद पर थे तभी कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया और छह महीने से अधिक समय तक वे बाहर रहे। उन्होंने केवल कुछ ही कार्यक्रम विश्वविद्यालय में करा पाए। उन्हें छात्र कल्याण कोष में दी जा रही राशि या चयन प्रक्रिया की जानकारी नहीं थी।

छात्रों तक नहीं पहुंच रही इसकी जानकारी

ऐसा नहीं है कि छात्र इस योजना का लाभ नहीं लेना चाहते। कहीं न कहीं छात्रों को इस फंड का लाभ न मिल पाने का एक कारण इसकी जटिल प्रक्रिया भी हो सकती है। ऐसा भी हो सकता है कि छात्रों को इस फंड के संबंध में जानकारी ही न हो।

प्रमोद दुबे सभापति, नगर निगम, रायपुर एवं पूर्व छात्रसंघ नेता, रविवि

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