सुकमा : प्रदेश के सुकमा जिले के कलेक्टर आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। विनीत बस्तर संभाग के पहले IAS अफसर भी हैं। वे 2013 बैच के आईएएस हैं। प्रदेश के कई स्थानों पर अलग अलग पदों को सम्भालने के बाद वे 2020 मे सुकमा के कलेक्टर बने। उनका IAS बनने का सफर और कलेक्टर बनने के बाद उनके काम ऐसे हैं कि कोई भी उनकी तारीफ करते नहीं थकता। आइए नजर डालते हैं उनके इस सफर पर।

कभी शिक्षाकर्मी की परीक्षा में हुए थे असफल
IAS विनित नंदनवार के कलेक्टर बनने का सफर काफी दिलचस्प रहा है। अगर कोई कहे कि आज के कलेक्टर कभी शिक्षाकर्मी की परीक्षा में असफल हुए थे, तो शायद कोई यकीन न करे। पर यह सच है कि IAS विनित नंदनवार ने वर्ष 2004 में शिक्षाकर्मी की परीक्षा दी थी पर उसमें असफल रहे थे। इस दौरान वे बालको में काम किया करते थे। उन्होंने अपने चाचा प्रेरणा लेकर ओमप्रकाश नंदनवार से प्रेरणा लेकर उन्होंने IAS की तैयारी शुरु की। विनीत ने बताया कि उनके चाचा बचपन से ही कहते थे कि “तुम्हें कलेक्टर ही बनना है।” अथक परिश्रम के बाद अपने चौथे प्रयास में वे UPSC परीक्षा में 227वीं रैंक लाने में सफल रहे। विनीत अपनी माँ विमला नंदनवार को अपना रोल मॉडल मानते हैं। वे कहते हैं कि “उनके संघर्ष और धैर्य में मेरी मां की सीख हमेशा काम आई। वे आज जो कुछ भी हैं, उनकी वजह से हैं।”

नक्सलवाद के खिलाफ खोला मोर्चा
IAS विनित नंदनवार का जन्म जगदलपुर में हुआ और बस्तर हाईस्कूल से प्रारंभिक शिक्षा और धरमपुरा कालेज में स्नातक हिंदी माध्यम से हुई। स्थानीय होने के कारण विनीत ने नक्सलवाद की समस्या को करीब से देखा है। इसलिए सक्षम होते ही वे इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सुकमा कलेक्टर होने के नाते वे शुरुआत से ही नक्सलवाद के विरूद्ध काम करते रहे हैं। युवाओं को इस विचारधारा से दूर रखने के उन्होंने विशेष प्रयास किए हैं। इन प्रयासों में उन्हें सफलता भी मिली है।

नशाबंदी के लिए कसी कमर
जब विनीत कलेक्टर बनकर सुकमा पहुंचे तो वहाँ युवाओं में शराबखोरी की लत को देख कर बदलाव की शुरू आत की। क्षेत्र में एक जिम शुरु किया। जिसमें बहुत से युवा रोज सुबह शाम पहुंचने लगे। विनीत का कहना कि वो ऐसे युवाओं की टीम बनाएंगे जो सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में प्रशासन की मदद करेंगे। लेकिन इसके लिए उनका इस नशे की लत से बाहर जाना जारूरी है। युवाओं को अपने शिक्षा प्रति गंभीर न देख व नशे में लिप्त देख कर उन्होंने इसे अभियान के रुप में लिया और इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत हैं।

बॉडी बिल्डर जिला कलेक्टर के नाम से भी मिली पहचान
विनीत नंदनवार अपनी फिटनेस के प्रति काफी जागरूक रहते हैं। विनीत बताते हैं कि “स्वास्थ्य और जीवनशैली को लेकर वह शुरुआत से ही काफी गंभीर रहे। सरकारी कामकाज के दौरान वह अपने बचे हुए समय का इस्तेमाल फिटनेस के लिए करते हैं। वे कहते हैं कि इंसान हर वक्त व्यस्त रहता है, लेकिन वह अपने लिए कम से कम एक घंटा तो निकाल ही सकता है।” विनीत स्वयं को फिट रखने के लिए हैवी वर्कआउट करते हैं। उनकी तस्वीरे कई बार सोशल मीडिया पर धूम मचा चुकी हैं। यहां तक कि उनके सिक्स पैक एब्स देखकर तो अच्छे-खासे बॉडी बिल्डर्स के पसीने छूट जाते हैं।

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