TRP डेस्क : यूक्रेन और रूस के जंग के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने हाई लेवल बैठक बुलाई, जिसमें फैसला लिया गया कि युद्ध के बीच फंसे भारतीयों के देश वापसी कराने के लिए देश के 4 केंद्रीय मंत्री यूक्रेन के पड़ोसी देश जाएंगे। इन चार मंत्रियों में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप सिंह पुरी, जनरल वीके सिंह और किरेन रिजिजू के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही बैठक में यूक्रेन में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी की प्रक्रिया तेज करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की गई। बता दें अब तक भारत ने यूक्रेन से अपने करीब 2,000 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है। और उनमें से 1,000 लोगों को हंगरी और रोमानिया के रास्ते घर लाया जा चुका है।

भारतीयों की सहयता के लिए आधिकारिक ट्विटर हैंडल जारी

भारत के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में जंग के बीच फँसे भारतीयों को वापस लाने में मदद के लिए रविवार को एक आधिकारिक ट्विटर हैंडल ‘ऑपगंगा हेल्पलाइन’ की लॉन्च किया। यूक्रेन में फंसे भारतीयों की वापसी के अभियान को ‘ऑपरेशन गंगा’ नाम दिया गया है। ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया में भारत ने अपने कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं जिससे यूक्रेन की सीमा से लगने वाले इन देशों के जरिए भारतीयों को निकाला जा सके।

UNSC में वोटिंग से भारत नदारद

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में हुए यूक्रेन पर रूस के हमले सं संबंधित मतदान में भारत ने भाग नहीं लिया, हालांकि भारत ने बेलारूस सीमा पर वार्ता करने के रुस और यूक्रेन के फैसले का स्वागत किया है। बता दें दो दिन पहले यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक प्रस्ताव को रूस ने वीटो के जरिए बाधित कर दिया था। इस प्रस्ताव के लिए हुए मतदान में भी भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल नहीं हुए थे।

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