डीजीसीए का नया फरमान, अब फ्लाइट उड़ाने से पहले रोज होगा पायलट-एयर होस्टेस का अल्कोहल टेस्ट

नई दिल्ली। कोरोना के मामलों में लगातार गिरावट के कारण करीब 2 साल तक बंद रहने के बाद अब फिर से भारत में अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो गई हैं। इससे पहले तक नियमित विदेशी उड़ानों पर रोक थी और बबल अरेंजमेंट के तहत कुछ ही देशों के साथ सीमित उड़ानों का परिचालन हो रहा था।

उड़ानों के फिर से शुरू होने पर विमानन नियामक ने केबिन क्रू से जुड़े कुछ नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत अब पायलटों और केबिन क्रू के अन्य सदस्यों का हर रोज अल्कोहल टेस्ट होगा। डीजीसीए ने अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों के साथ ही यात्रियों की संख्या बढ़ने और महामारी से जुड़ी परिस्थितियों में सुधार को लेकर ब्रेथ एनालाइजर गाइडलाइंस में संशोधन किया है।

इस बदलाव में सभी विमानन कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने आधे पायलटों और केबिन क्रू के सदस्यों का हर रोज अल्कोहल टेस्ट करें। इस टेस्ट से यह पता चलता है कि कहीं कोई पायलट या केबिन क्रू मेंबर शराब के नशे में तो नहीं है। कोरोना के चरम पर होने के कारण डीजीसीए ने इस टेस्ट को कुछ समय के लिए बंद कर दिया था। कोरोना से पहले भी सभी का अल्कोहल टेस्ट होता था। बाद में जब इसे दोबारा शुरू किया गया तो यह कुछ ही कर्मियों पर लागू था।

अब यह 50 फीसदी केबिन क्रू पर लागू हो गया है। डीजीसीए चीफ अरुण कुमार ने इस संबंध में कहा कि हम वापस सामान्य स्थिति बहाल करना चाहते हैं और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकॉल वापस लागू करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगर किसी कारण फ्लाइट से पहले कोई कर्मचारी टेस्ट नहीं करा पाता था तो उसे अराइवल एयरपोर्ट पर टेस्ट कराना पड़ता था।

अब बदले नियम के तहत रैंडमली तरीके से हर फ्लाइट के आधे कर्मचारियों का बीए टेस्ट किया जाएगा। बदले नियमों के अनुसार, फ्लाइंग ट्रेनिंग संस्थानों के लिए आधे इंस्ट्रक्टर्स को हर रोज बीए टेस्ट कराना होगा। इसी तरह 40 फीसदी स्टूडेंट पायलटों को यह टेस्ट देना होगा। प्राइवेट एयरक्राफ्ट के मामले में टेस्ट 50 फीसदी क्रू मेंबर्स के लिए अनिवार्य होगा।

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