रायपुर। आए दिन हमारे सामने ऐसी कई खबरें आती हैं जिसमे पुलिस को लोगो की मदद करते देखा जाता है। इस बार आरपीएफ की एक महिला अधिकारी के द्वारा पेश की गयी मानवता की मिसाल राजधानी के रेलवे स्टेशन में देखने को मिली। जिसके बाद सभी उसकी सराहना कर रहें हैं।

दरअसल रेलवे स्टेशन पर गश्त के दौरान महिला आरपीएफ अधिकारी ने देखा कि प्लेटफॉर्म पर एक गर्भवती प्रसव पीड़ा से तड़प रही है। गश्त करते वहां पहुंची आरपीएफ की महिला टीम ने तत्काल स्थिति को नियंत्रण में लेकर साड़ी व अन्य कपड़ों का घेरा बना लिया। जिसके बाद महिला पुलिसकर्मियों द्वारा महिला की प्रसव प्रक्रिया शुरू कर एंबुलेंस को भी कॉल कर दिया गया। कुछ देर में एंबुलेंस भी पहुंच गई।
महिला पुलिस कर्मियों ने गर्भवती को अपनी गोद में उठा कर स्टेशन के बाहर पहुंचाया और 102 एंबुलेंस से अम्बेडकर अस्पताल भेजा गया। अब महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि महिला जलाकांति महानंद अपने पति धनेश्वर महानंद के साथ बलांगीर ओडिशा जाने के लिए रायपुर रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रही थी। लेकिन तबियत अत्यंत गंभीर होने के कारण प्लेटफार्म नं. 01 में दुर्ग एंड के पास बैठ गई।
इसी बीच किसी के द्वारा इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दिया गया। जिसके बाद ये वीडियो वायरल हो गया है। उक्त वीडियो में महिला पुलिसकर्मी प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिला को सांत्वना और समझाइश देते हुए देखा जा सकता है। जिसके बाद एम्बुलेंस के आने के बाद पुलिसकर्मियों को महिला को अपनी गोद में एम्बुलेंस तक पहुंचाते हुए भी देख सकते हैं।
दूसरी तरफ रेलवे प्रबंधन के इंतजामों पर खड़े हुए सवाल
वीडियो के वायरल होने पर जहाँ एक ओर आरपीएफ पुलिस कर्मियों की जमकर तारीफ़ हो रही है। वहीं दूसरी ओर रेलवे प्रबंधन के आपातकालीन चिकित्सकीय इन्तज़ामों पर सवाल भी उठ रहे हैं। पूरी घटना पर सबसे पहले तो ये सवाल उठता है कि किन कारणों से रेलवे प्रबंधन की चिकित्सकीय टीम प्रसव पीड़ा से तड़प रही महिला तक नहीं पहुंच पायी और डिलीवरी का प्रयास आरपीएफ की पुलिसकर्मी को करना पड़ा ? उक्त वीडियो में पीड़ित महिला को कुछ दूर प्रसव अवस्था में पैदल और फिर आरपीएफ पुलिसकर्मियों द्वारा गोद में उठाकर एम्बुलेंस तक ले जाते देखा गया। रेलवे प्रबंधन द्वारा पीड़ित महिला को व्हीलचेयर या स्ट्रेचर क्यों उपलब्ध नहीं कराया गया ? बहरहाल आरपीएफ की पुलिसकर्मी महिला के प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।
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