0 हिरासत में बिना हथकड़ी खाये होटल का खाना करते रहे मोबाइल से बातें

रायपुर। विशेष संवादाता/ टीआरपी न्यूज़
लॉक डाउन में नशे के शौकीनों की क्वींस क्लब में पार्टी के दौरान गोलीबारी के बाद राजधानी के साथ दुर्ग-भिलाई में ड्रग्स की तस्करी करने वाले रैकेट की बड़ी चेन का खुलासा राजधानी पुलिस ने किया था। खासी मशक्कत के बाद राजधानी पुलिस ने मुंबई, गोवा और दिल्ली से ड्रग्स तस्करी की तीन अहम् कड़ियों का खुलासा करके एक नाइजीरियन समेत 3 युवकों को भी गिरफ्तार किया था। तीनों आरोपी रायडेन, पैतृक और अतुल जोशी को गिरफ्तार कर रायपुर लाये और तभी से तीनों सेन्ट्रल जेल में है। हलाकि इस पुरे मामले में 18 लोगों को टारगेट किया गया था जिनमे से तीनों अभी भी जेल में है। आज इन तीनो पार्टनरों की कोर्ट में पेशी थी। एनडीपीएस कोर्ट में पेशी में ए तीनों ड्रग तस्करों को एकबार फिर रायपुर पुलिस के आरक्षक वीआईपी ट्रीटमेंट देते नज़र आये।

राजधानी पुलिस की खासी मेहनत से गिरफ्त में आए तीनों आरोपी को पेशी ड्यूटी में लेकर आये लाइन स्टाफ खुली छूट दे दिए थे। नाइजीरियन ड्रग तस्कर करीब एक घंटे मोबाइल से अपने गिरोह और फिर परिवार से बात करता दिखा। इसी तरह तीनो आरोपी कोर्ट में बिना हथकड़ी के निधडक घूमते दिखे। टीआरपी को मिले वीडियो क्लिप में सफ़ेद टीशर्ट पहने पेट्रिक और पास ही गले में सफ़ेद गमछा डेल तीसरा आरोपी अतुल दिखाई दिया। तीनो पार्टनरों का यह वीआईपी सत्कार यही नहीं थमा बाद में कोर्ट के गार्डन में बिना हथकड़ी होटल से मंगाए गए स्पेशल खाने का लुत्फ़ उठाते वीडियो में कैद हो गए। विदित होगा की छत्तीसगढ़ के लोगों का करोड़ों दबाने वाले चिटफंड के आरोपी को स्पेशल ट्रीटमेंट दिए जाने का मामला खुला था तब पेशी ड्यूटी वाले को निलंबित किया गया था।

पुलिस लाइन से होती है सेटिंग

विभागीय सूत्रों के मुताबिक पेशी के दौरान बल लाइन से ही उपलब्ध करवाया जाता है। यहीं से तय हो जाता है की किस हाई प्रोफाइल मामले में किसे भेजना है। लाइन में बल उपलब्ध करवाने वाले किसी आरक्षक शर्मा ही सब लाइनअप करता है। कोर्ट से एक दिन पहले ही नेक्स्ट डे की पेशी और केस का पता करके वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए मनमाफिक खर्च करने वाली पार्टी से डील कर ली जाती है। बताते हैं ड्रग तस्कर तीनो आरोपी से मोटी रकम लेकर सिगरेट, बिसलरी बोतल , होटल का भोजन और मोबाइल उपयोग के लिए दिया गया था।

नवआरक्षक मुफ्त में टार्गेटेड

इस पुर मामले में पैसे वाले मामलों में जानबूझकर नवारक्षकों की ड्यूटी लगवाई जाती है। आसानी से अपने सीनियर शर्मा के मायाजाल में नए सिपाही फंस जाते हैं। यदाकदा इन्हे भी वसुलीबाज़ शर्मा चंद रूपये दे देता है। लेकिन कभी ऐसे वीडियो वायरल होता है तो ड्यूटी लगाने का बीड़ा सैलून से उठाये शर्मा साफ बच निकलता है।

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