नई दिल्ली। आज दुनिया की आबादी 800 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुकी है। जनसंख्या के लगातार बढ़ रहे इस आंकड़े को कहीं चिंता के तौर पर देखा जा रहा है तो कुछ विशेषज्ञ इसे भारत के लिए ‘अवसर’ बता रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि लोगों को संसाधन के निर्माताओं के तौर पर देखा जाना चाहिए। उनका कहना है कि भारत का फोकस इक्विटी और इक्वैलिटी पर होना चाहिए। साथ ही बुजुर्ग होती आबादी के लिए सतर्कता और सावधानी भी होनी चाहिए।
आज दुनिया की आबादी 800 करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। दुनिया के तमाम देखों में से बड़ी हिस्सेदारी भारत की है। संयुक्त राष्ट्र ने भारत का नाम लेते हुए कहा कि यहां की आबादी 17.7 करोड़ है। वहीं चीन की आबादी 7.3 करोड़ है। PFI (Population Foundation of India) ने कहा कि इतनी बड़ी आबादी की खुशहाल और स्वस्थ जिंदगी के लिए बेहतर प्लानिंग के लिए भारत इसे अवसर के तौर पर देख सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, 11 जुलाई को जारी विश्व जनसंख्या परिप्रेक्ष्य (World Population Prospects) 2022, 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस पर रिलीज किया गया था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि वैश्विक जनसंख्या 1950 से ही सबसे कम दर के साथ बढ़ रही है। 2020 में तो यह दर 1 फीसद से भी कम हो गई थी।
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