जगदलपुर। विधानसभा के पहले सत्र में भाषण देते हुए कवासी लखमा ने विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत को बधाई देते कहा था कि आप दोनों लोकसभा में सांसद रहे हैं। हम लोग यहीं घूम रहे हैं।

अगर अवसर मिला तो वहां (लोकसभा) पहुंचने की कोशिश करूंगा। उनका यह भाषण इंटरनेट मीडिया में चर्चा में हैं। कवासी लखमा ने यह बात ऐसे समय कही है जब चार-पांच माह में लोकसभा का चुनाव होना है। उनके इस बयान के बाद लोकसभा चुनाव में टिकट के दावेदार नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है।
दक्षिण बस्तर की कोंटा सीट से लगातार छठी बार विधायक चुने गए कवासी लखमा कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस बार उन्होंने लोकसभा में जाने की इच्छा जताते हुए बयान दिया है। उनका यह बयान बस्तर में कांग्रेसियों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता व विधायक कवासी लखमा अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं।
स्थानीय राजीव भवन में विधानसभा चुनाव में जगदलपुर सीट में हुई कांग्रेस की हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक में जुटे कांग्रेस नेता उनके बयान को लेकर आपस में चर्चा करते दिखाई दिए। नेताओं का कहना था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लचर प्रदर्शन के बाद आगामी लोकसभा चुनाव में बस्तर सीट को बचाना कांग्रेस के लिए चुनौती होगी। जिस तरह से पार्टी में अंतर्कलह की स्थिति बनी है उसका असर लोकसभा चुनाव में पड़ सकता है।
उपचुनाव हार गए थे कवासी
तत्कालीन भाजपा सांसद बलीराम कश्यप के निधन के बाद मई 2011 में बस्तर संसदीय सीट के लिए हुए लोकसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने कवासी लखमा को प्रत्याशी बनाया था लेकिन वे बलीराम के पुत्र दिनेश कश्यप से चुनाव हार गए थे।
2019 के लोकसभा चुनाव के समय भी कांग्रेस से कवासी लखमा का भी नाम सामने आया था लेकिन उन्होंने खुद ही चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। जिसके बाद दीपक बैज को मैदान में उतारा था और उन्होंने जीत दर्ज कर 20 साल बाद बस्तर सीट पर कांग्रेस का परचम लहराया था।
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