टीआरपी डेस्क। साल 2019 के आखिरी माह यानी दिसंबर में देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार हुआ है।

एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, इससे रोजगार के मोर्चे पर भी सुधार हुआ है। कारखानों के नए ऑर्डर और उत्पादन

में तेजी की वजह से देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सुधार देखने को मिला। नवंबर 2019 की बात करें, तो तब

आईएचएस मार्केट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (पीएमआई) 51.2 पर था।

 

वैश्विक स्तर पर अधिक मांग से कुल बिक्री बढ़ी

मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई के बाद नए कारोबार ऑर्डर सबसे तेज गति से बढ़े हैं और नए कारोबारी ऑर्डर

विनिर्माण क्षेत्र की हालत में सुधार को दर्शाते हैं। इतना ही नहीं, वैश्विक स्तर पर अधिक मांग से कुल बिक्री बढ़ी है।

लगातार 26वें महीने नए निर्यात ऑर्डर में वृद्धि हुई है।

कारखानों ने मांग में सुधार का लाभ उठाया

इस संदर्भ में आईएचएस मार्केट की प्रधान अर्थशास्त्री पोलियाना डी लीमा ने कहा कि, ‘कारखानों ने मांग में सुधार

का लाभ उठाया और मई माह के बाद सबसे तेजी से उत्पादन को बढ़ाया है। साथ ही दिसंबर में रोजगार और खरीद

के मोर्चे पर भी नए सिरे से बढोतरी हई है।’ आगे लीमा ने बताया कि सर्वेक्षण में कारोबारी विश्वास के मोर्चे पर कुछ

सतर्कता दिखाई दी है।

लगातार 29वें महीने विनिर्माण क्षेत्र का PMI 50 से ऊपर

बता दें कि लगातार 29वें महीने विनिर्माण क्षेत्र का पीएमआई 50 अंक से ऊपर है। पीएमआई का 50 से ऊपर

होना विस्तार के संकेत देते हैं। वहीं 50 से नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है। सर्वेक्षण के अनुसार, साल 2020

में उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है। हालांकि कंपनियों का आगे के बाजार को लेकर आत्मविश्वास का स्तर कमजोर

होकर 34 महीने के निम्न स्तर पर है। मुद्रास्फीति की दर 13 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।

 

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