0 वक्फ संपत्तियों के किरायेदारों को फरमान : नया अनुबंध करना होगा, वरना बेदखली

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज बिलासपुर दौरे पर पहुंचे। यहां वक्फ संपत्तियों की समीक्षा, मुतवल्लियों से चर्चा और कई बैठकों में हिस्सा लेने के बाद उन्होंने प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत की और कई अहम मुद्दों पर अपनी बात रखी।

वक्फ संपत्तियों पर बड़े पैमाने पर है अवैध कब्जा

डॉ. राज ने बताया कि छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश में वक्फ की संपत्तियों पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे हैं, जिससे मुस्लिम समाज की आर्थिक हालत बुरी तरह प्रभावित हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि वक्फ संपत्तियों का किराया बहुत ही कम है। अगर किरायेदारों ने अगले 3 महीने में एग्रीमेंट रिन्यू नहीं किया, तो उनके खिलाफ बेदखली की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिलासपुर में वक्फ बोर्ड की लगभग 1400 संपत्तियां हैं, जिनमें से 300 से अधिक पर अवैध कब्जा है। जल्द ही सभी को नोटिस भेजे जाएंगे।

कांग्रेस को लिया आड़े हाथ

कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुसलमानों को बिरयानी का तेजपत्ता बनाती है। काम होने तक इस्तेमाल करती है और बाद में बाहर फेंक देती है।”

वक्फ की संपत्ति पर बनेगा अस्पताल

डॉ राज ने बताया कि बिलासपुर की एक वक्फ संपत्ति पर पीपीपी मॉडल पर 100 बिस्तरों वाला अस्पताल शुरू किया जा रहा है, जो समाज के सभी वर्गों के लिए राहत का केंद्र बनेगा। वहीं रायपुर में लड़कियों के लिए हॉस्टल, लड़कों के लिए छात्रावास, आधुनिक जिम और लाइब्रेरी बनाए जाएंगे। धमतरी में अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नई वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 के तहत वक्फ संपत्तियों को अब बाजार दर पर लीज पर दिया जाएगा और उससे मिलने वाली आय से पसमांदा समाज के विकास के लिए काम किया जाएगा।

डॉ. सलीम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड की 5732 संपत्तियां हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 6000 करोड़ रुपये है। लेकिन अफसोस की बात है कि अब तक इन पर न तो कोई स्कूल बना, न कॉलेज, न हॉस्टल, और न अस्पताल, जिससे समाज के कमजोर वर्ग को लाभ मिलता।

‘धार्मिक संस्था नहीं है वक्फ बोर्ड’

एक सवाल के जवाब में डॉ. सलीम ने कहा कि वक्फ बोर्ड कोई धार्मिक संस्था नहीं, बल्कि प्रशासनिक संस्था है, जिसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करना है। उन्होंने कहा कि आज तक वक्फ की आय से न तो स्कूल बना, न कॉलेज, न हॉस्टल और न ही अस्पताल। अब इसे बदलने का समय आ गया है।

लव जिहाद को लेकर क्या कहा..?

धर्मांतरण के सवाल पर उन्होंने कहा कि देशभर में ईसाई मिशनरियां सक्रिय हैं और लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित कर रही हैं। लव जिहाद पर उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “लव और जिहाद दो अलग शब्द हैं… लव मतलब प्यार और जिहाद मतलब संघर्ष। जहां प्यार हो, वहां संघर्ष नहीं हो सकता।”
तीन निकाह पर बोले कि इस्लाम में तीन शादियों की कोई अनुमति नहीं, और अगर कोई मौलाना निकाह के नाम पर 1100 रुपये से अधिक लेता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि देश में 8.72 लाख वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, जिनकी आय केवल 163 करोड़ रुपये है, जबकि सच्चर समिति के अनुसार यह आय 12 हजार करोड़ होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों में वक्फ संपत्तियों की निगरानी, दस्तावेजों की सुरक्षा और पारदर्शिता पर ध्यान नहीं दिया गया।

ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज होगी वक्फ संपत्तियां

नए वक्फ संशोधन विधेयक 2025 में अब वक्फ संपत्तियों को ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा, रिकॉर्ड कंप्यूटरीकृत होंगे और राजस्व अभिलेखों में वक्फ के नाम संपत्तियां दर्ज की जाएंगी। बोहरा, शिया और आगाखानी समुदायों की भागीदारी को भी विधेयक में शामिल किया गया है।

उन्होंने बताया कि पिछले एक वर्ष में वक्फ संपत्तियों के अवैध कब्जे और बिक्री की 194 शिकायतें मिली हैं। छत्तीसगढ़ में ही 431 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किया गया है। अवैध रूप से रजिस्ट्री और ट्रांसफर की गई वक्फ संपत्तियों को रद्द कराने के लिए जिलाधिकारियों को पत्र भेजे गए हैं।

प्रेस वार्ता में वक्फ बोर्ड के सीईओ एस.ए. फारूकी, हज कमेटी सदस्य सैयद मक़बूल अली, भाजपा नेता राकेश तिवारी, संजय मुरारका, फैज़ान अली उर्फ सीबू और मुस्लिम समाज के अनेक प्रतिनिधि उपस्थित थे।