रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की मंत्रिमंडलीय उप समिति की बैठक खाद्य मंत्री दयालदास बघेल की अध्यक्षता में नवा रायपुर स्थित मंत्रालय में संपन्न हुई। बैठक में धान के रिकॉर्ड उपार्जन, उसके त्वरित निराकरण और क्रेताओं को आ रही तकनीकी दिक्कतों को लेकर कई अहम निर्णय लिए गए।
बैठक के प्रमुख बिंदु
- खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में किसानों से 149.25 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई, जो राज्य गठन के बाद अब तक का सर्वाधिक उपार्जन है।
- इस उपार्जन में से 35 लाख मीट्रिक टन अतिशेष धान के विक्रय के लिए ई-नीलामी (ई-ऑक्शन) का निर्णय लिया गया।
- प्रथम चरण में 18.91 लाख मीट्रिक टन धान का सफल निराकरण किया गया।
- शेष स्टॉक के लिए प्राइस मेचिंग की सुविधा दी गई है, ताकि पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
- जिन निविदाकारों द्वारा निर्धारित समय में सुरक्षा निधि या खरीद मूल्य जमा नहीं किया गया था, उन्हें 15 जुलाई 2025 तक का समय दिया गया।
- खरीफ वर्ष 2023-24 के चावल जमा करने की समय-सीमा बढ़ाकर 5 जुलाई 2025 की गई।
- प्राइस मेचिंग प्रक्रिया में आ रही तकनीकी दिक्कतों के समाधान हेतु महाप्रबंधक (विपणन) की अध्यक्षता में एक तकनीकी समिति गठित की गई है।
मुख्यमंत्री का केंद्र से अनुरोध
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय खाद्य मंत्री से भेंट कर 70 लाख मीट्रिक टन से अधिक चावल केंद्रीय पूल में जमा करने का लक्ष्य बढ़ाने का अनुरोध किया है, जिस पर केंद्र सरकार ने सकारात्मक विचार का आश्वासन दिया है।
बैठक में कृषि मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, सहकारिता मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा समेत खाद्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस निर्णय से प्रदेश के राइस मिलर्स में उत्साह है और राइस मिलर्स एसोसिएशन ने सरकार का आभार जताया है।