शिक्षा के मंदिर में बाउंसर्स! स्कूल है या अखाड़ा…
टीआरपी डेस्क। रायपुर के सालेम इंग्लिश स्कूल में शिक्षकों के साथ अंधेरगर्दी का मामला सामने आया है। मामले स्कूल में कार्यरत शिक्षकों ने स्कूल मैनेजमेंट और प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिक्षकों द्वारा अपने ही लंबित वेतन मांगने पर स्कूल से निकाल दिए जाने की धमकी मिलना, PF फंड जमा न होना और प्रिंसिपल और उनके बाउंसर्स के द्वारा बदतमीज रवैये की शिकायत की है।

क्या है पूरा मामला
सालेम स्कूल में शिक्षक काफी समय से के लंबित वेतन का भुगतान करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षकों द्वारा कई बार मैनेजमेंट से वेतन का भुगतान करने का आग्रह किया गया। बावजूद इसके लंबे समय तक स्कूल मैनेजमेंट इसे टालता आ रहा है। जिसके बाद शिक्षकों ने मैनेजमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
मैनेजमेंट के खिलाफ शिकायतें
- शिक्षकों के लंबित वेतन का भुगतान नहीं किया गया
- शिकायत पर नौकरी से निकाल देने की धमकी
- PF फंड काटे जाने के बावजूद जमा नहीं होना
- प्राचार्य का स्कूल स्टाफ से दुर्व्यवहार
- स्कूल परिसर में बाउंसर्स की मौजूदगी
- छात्रों के अभिभावकों से शिक्षकों को दुर्व्यवहार
शिक्षकों ने किया प्रदर्शन
स्कूल मैनेजमेंट के सामने कई बार अपनी बात रखने के बावजूद निराशा मिलने पर शिक्षकों ने सिविल लाइन थाने में जमकर प्रदर्शन किया। गुरुवार को स्कूल के तकरीबन 20 शिक्षक सिवाल लाइन थाना पहुंचे। सभी शिक्षकों ने मिलकर स्कूल मैनेजमेंट और प्रिंसिपल के खिलाफ आवेदन दिया।
शिक्षकों का लंबित वेतन
शिक्षकों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन उन्हें कोरोना महामारी के समय के लंबित वेतन का भुगतान नहीं कर रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के शुरुआती दौर में उन्हें उनके वेतन का 50% और कुछ महीने बाद से 75% भुगतान किया जा रहा था। स्कूल मैनेजमेंट ने स्थितियां सामान्य हो जाने पर लंबित वेतन का भुगतान करने का अश्वासन दिया था। लेकिन आज ढाई साल बाद भी कई बार निवेदन करने के बावजूद उन्हें वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल मैनेजमेंट को प्रत्येक शिक्षक को 90 हजार से 1.50 लाख के बीच की राशी का भुगतान करना है।


नौकरी से निकालने की धमकी
मामले में जब शिक्षकों ने परेशान होकर मैनेजमेंट की शिकायत करने की बात की तो उन्हें प्रिंसिपल ने उन्हें नौकरी ले निकालने की धमकी दी। शिक्षकों ने यह भी बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल रूपिका लॉरेंस और मैनेजमेंट सेक्रेटरी नितिन लॉरेंस पति-पत्नी हैं। जिसके चलते प्रिंसिपल किसी की कोई बात नहीं सुनती।
जमा नहीं हुआ शिक्षकों का PF फंड
मैनेजमेंट से लड़ाई के बीच जब कुछ शिक्षकों का ध्यान PF अपने फंड़ की ओर गया तब उन्हें मालूम हुआ कि स्कूल मैनेजमेंट ने वहां भी धांधली कर रखी है। शिक्षकों ने बताया कि वर्ष 2023 के जुलाई से नवंबर महीने तक उनके वेतन से PF तो काटा गया लेकिन मैनेजमेंट द्वारा उनके PF खाते में जमा नहीं किया गया। इसके बाद दोबारा जून 2024 से जून 2025 तक यह क्रम दोहराया गया और PF खाते में कोई राशि जमा नहीं की गई। मामले की शिकायत PF कार्यालय में करने पर अधिकारियों ने इसे अपराधिक प्रकरण बताकर संज्ञान लेने की बात कही।

प्राचार्य का दुर्व्यवहार
शिक्षकों से बातचीत के दौरान मालूम हुआ कि प्रिंसिपल रूपिका लॉरेंस न केवल शिक्षकों के साथ अपितु स्कूल में कार्यरत अन्य स्टाफ समेत छात्रों के अभिभावकों से भी बदसलूकी करने से नहीं कतराती। स्कूल के ही एक पूर्व छात्र पूरब श्रिवास की मां राखी श्रिवास ने बताया कि वे किसी कारणवश बीच सत्र में अपने बेटे का ट्रांसफर सर्टिफिकेट लेने स्कूल पहुंची थीं। अपनी बात रखने पर प्रिंसिपल ने उन्हें 3 छात्रों का एडमीशन लाकर देने पर ही ट्रांसफर सर्टिफिकेट देने की बात कही। बड़ी मशक्कत के बाद करीब 2 महीने बीत जाने पर प्रिंसिपल ने उन्हें उनके बेटे का ट्रांसफर सर्टिफिकेट सौंपा।
स्कूल परिसर में बाउंसर्स की क्या जरूरत ?
इस पूरे मामले में एक बड़ी और आश्चर्यजनक बात ये भी निकलकर सामने आई कि प्रिंसिपल रूपिका लॉरेंस ने स्कूल में 3 बाउंसर्स की ड्यूटी लगा रखी है, जो प्रिंसिपल के इर्द-गिर्द काम करते हैं। पूर्व छात्र कि माता राखी श्रिवास ने बताया कि उन बाउंसर्स का मुख्य काम प्रिंसिपल से मिलने जाने वालों का मोबाइल बाहर जब्त करना है। जब कभी कोई इससे इनकार करता है तो बाउंसर्स उनके साथ बदसलूकी करते हैं।
अब सवाल ये है कि इस प्रदर्शन और शिकायत के बाद क्या सालेम इंग्लिश स्कूल प्रबंधन में सुधार आएगा? क्या शिकायत के बाद इस मामले में शासन-प्रशासन शिक्षकों के हक में कोई निर्णय लेगा या फिर इन शिक्षकों को न्यायलय की शरण में जाना पड़ेगा?