बिजनेस डेस्क। शराब कारोबार विजय माल्या को ब्रिटेन के उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिल गई है। फ़िलहाल विजय माल्या दिवालिया घोषित होने से बच गए है। कोर्ट ने एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई थी। माल्या से 1.145 अरब पाउंड का कर्ज भारतीय बैंकों को वसूल करना है जिसके लिए माल्या को दीवालिया घोषित कर बैंक उसकी संपत्ति को कुर्क करना चाहती हैं।

उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए। ‘चीफ इन्सोल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट’ के न्यायाधीश ब्रिग्स ने बृहस्पतिवार को दिए अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है।
न्यायाधीश ने कहा कि मेरे फैसले में बैंक सुरक्षित हैं, कम से कम इस याचिका पर सुनवाई को संशोधन के उद्देश्य से और समय के लिए पूर्ण रूप से ऋण का भुगतान करने तक स्थगित किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि उस पर बकाया करीब 1.145 अरब पाउंड का कर्ज वसूला जा सके।
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