एजुकेशन डेस्क। भारतीय कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के लिए अच्छी खबर है। दरअसल यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) ने एक ड्राफ्ट फाइनल किया है। जिसके तहत अब इंडियन और फॉरेन हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स ज्वाइंट, डूअल डिग्री और ट्विनिंग प्रोग्राम ऑफर कर सकेंगे।

हालांकि, फाइनल ड्राफ्ट पर अंतिम फैसला इस पर मिलने वाले रिएक्शन के आधार पर लिया जाएगा। इसके लिए ड्राफ्ट को सार्वजनिक किया गया है।
UGC रेगुलेशन- 2021 ड्राफ्ट के मुताबिक, भारत के हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूट डूयल डिग्री देने के लिए समकक्ष विदेशी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स के साथ समझौता कर सकेंगे। हालांकि, यह नियम ऑनलाइन, ओपन और डिस्टेंस लर्गिंन प्रोग्राम में लागू नहीं होंगे।
भारतीय डिग्री के बराबर होगी मान्यता
ड्राफ्ट के अनुसार इन सहयोगों के आधार पर दी गई कोई भी डिग्री या डिप्लोमा “भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान द्वारा प्रदान की गई किसी भी संबंधित डिग्री या डिप्लोमा के बराबर होगा। इसे किसी भी प्राधिकारी से तुल्यता प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
ये संस्थान कर सकते हैं विदेशी संस्थान के साथ सहयोग
राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) द्वारा मान्यताप्राप्त कोई भी भारतीय संस्थान (3.01 के न्यूनतम स्कोर के साथ) या राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) के टॉप-100 में शामिल कोई भी यूनिवर्सिटी या प्रतिष्ठित संस्थान टाइम्स हायर एजुकेशन या क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के टॉप-500 में शामिल किसी भी विदेशी संस्थान के साथ सहयोग कर सकता है।
चार तरह के एकेडमिक सहयोग कर सकते हैं
ड्राफ्ट के अनुसार चार तरह के एकेडमिक सहयोग की अनुमति दी जाएगी। इसमें क्रेडिट रेकगनिशन और ट्रांसफर, जॉइंट डिग्री प्रोग्राम, ड्यूल डिग्री प्रोग्राम और ट्विनिंग अरेंजमेंट शामिल हैं। ट्विनिंग अरेंजमेंट के तहत एक स्टूडेंट भारतीय इंस्टीट्यूट में एनरॉल होने के बाद अपने प्रोग्राम का कुछ हिस्सा विदेशी संस्थान में पूरा करेगा। इसमें उसे डिग्री सिर्फ भारतीय इंस्टीट्यूट से ही मिलेगी।
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