रायपुर। करीब 51 करोड़ रुपये का राजस्व वसूलने नगर निगम रायपुर ने कवायद तेज कर दी है। करदाताओं से ज्यादा से ज्यादा संपत्ति, जलकर, लीज और दुकान का किराया वसूलने के लिए 31 मार्च तक नगर निगम मुख्यालय सहित सभी जोन कार्यालय अब छुट्टी के दिन भी खोले जाएंगे। इसके लिए नगर निगम के सभी अधिकारी, कर्मचारियों की छुट्टी भी रद्द कर दी गई है।

बता दें कि नगर निगम को इस बार राजस्व वसूली का 131 करोड़ का लक्ष्य मिला है, लेकिन अभी तक सिर्फ 80 करोड़ रुपये ही राजस्व की वसूली हो सकी है। रायपुर नगर निगम को राजस्व वसूली में पसीना छूट रहा है। कर्मचारियों की कमी की वजह से राजस्व वसूली का लक्ष्य हासिल करने में परेशानी हो रही है।
राजधानी रायपुर में हजारों की संख्या में ऐसे घर हैं, जिन्होंने अभी तक नामांतरण नहीं कराया है। निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस साल का जो लक्ष्य मिला है, उसे पूरा करने की कोशिश की जा रही है। ज्ञात हो कि राजधानी में जीआएस सर्वे के मुताबिक राजधानी में कुल 15 लाख आबादी है।
इनमें से दो लाख 77 हजार घरों से संपत्ति कर वसूल करना है। निगम को पिछले साल दिसंबर तक कुल 117 करोड़ रुपये का राजस्व वसूल करने का टारगेट मिला था, जिसमें निगम सिर्फ 98 करोड़ रुपये ही राजस्व की वसूली कर सका।
मल्टी स्टोरी में रहने वाले नहीं दे रहे राजस्व
निगम के अधिकारी ने बताया कि राजस्व वसूली के लिए कुल 241 पदों की स्वीकृति मिली है, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 117 कर्मचारी हैं। 124 पद रिक्त हैं। कर्मचारियों की कमी वसूली में अड़चन पैदा कर रही है। वहीं निगम क्षेत्र में बहुत सी मल्टी स्टोरी बन गई है। लोग वहां मकान तो ले लिए हैं, लेकिन निगम राजस्व जमा करने की जानकारी तक उन्हें नहीं है, इसलिए कर्मचारी उनको तलाश कर रहे हैं। नामांतरण करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में राजस्व वसूली में परेशानी हो रही है। वहीं कुछ घर तो ले चुके हैं लेकिन वो अन्य शहरों में बस गए हैं। जिसके कारण भी राजस्व वसूली का काम अटका हुआ है।