टीआरपी डेस्क। देश में कोरोना के खिलाफ जारी टीकाकरण अभियान के रविवार को 100 दिन पूरे हो गए। देशभर में अब तक 11.69 करोड़ लोगों को वैक्सीन के 13.84 करोड़ डोज लग चुके थे। दोनों डोज लगवाने वालों की संख्या अभी 2.15 करोड़ हैं। देश की करीब 10% आबादी टीके की कम से कम एक डोज लगवा चुकी है।

आईए एक बार फिर से देश की टीकाकरण यात्रा को देखते हैं…
पहला चरण : 16 जनवरी, 2021 को देश भर में स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ टीकाकरण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ. 13 फरवरी, 2021 से फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी टीका लगाया जाने लगा.
दूसरा चरण : 1 मार्च, 2021 से टीकाकरण का दूसरा चरण प्रारंभ हुआ, जिसके तहत 60 साल से अधिक सभी और 45 साल से अधिक उम्र वाले गंभीर रोगियों का टीकाकरण प्रारंभ हुआ. इस चरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य मुख्यमंत्रियों ने टीका लगवाया.
तीसरा चरण : 1 अप्रैल, 2021 से 45 साल से ऊपर के सभी लोगों के लिए टीकाकरण प्रारंभ हो गया.
चौथा चरण : 11 अप्रैल-14 अप्रैल के बीच में देश में 4 दिन का टीका उत्सव मनाया गया. इसका उद्देश्य लोगों को ज्यादा से ज्यादा मात्रा में टीका लगवाने के प्रोत्साहित करना था. साथ ही इन चार दिनों में टीके की बिल्कुल बर्बादी नहीं होने का भी लक्ष्य रखा गया था.
पांचवा चरण : 19 अप्रैल, 2021 को सरकार ने 18 साल से अधिक आयु वाले सभी लोगों के लिए टीकाकरण की मंजूरी दे दी. 1 मई से इसे अमल में लाया जाना है.
टीकाकरण में शीर्ष पांच राज्य
24 अप्रैल सुबह 7 बजे तक देश में महाराष्ट्र 1,39,99,992 टीकों के साथ देश में टीकाकरण के मामले में शीर्ष पर है। जिसके बाद 1,20,10,244 टीकों के साथ राजस्थान दूसरे स्थान पर है। देखिए सूची
- महाराष्ट्र – 1,39,99,992
- राजस्थान – 1,20,10,244
- उत्तर प्रदेश – 1,16,23,695
- गुजरात – 1,12,66,494
- पश्चिम बंगाल – 97,80,926
टीकाकरण में भारत की उपलब्धि
भारत विश्व में पहला देश है जिसने सबसे कम दिनों में 10 करोड़ लोगों को टीका लगाया। देश में 10 अप्रैल तक 10 करोड़ लोगों को कोविड वैक्सीन लगा दिया गया था।
भारत ने कुल 85 दिन में यह लक्ष्य हासिल किया, वहीं अमेरिका को इसमें 89 दिन और चीन को 102 दिन लगे।
3 टीकों को मिली स्वीकृति
वर्तमान में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) एक स्वदेशी वैक्सीन और दो विदेशी सहयोगित टीकों को मंजूरी दी है।
- कोविशिल्ड वैक्सीन का उपयोग जनवरी से जारी है और इसने कोविड-19 के खिलाफ 79 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है।
- वहीं कोवैक्सिन आपातकालीन उपयोग के लिए है. इसने अपने तीसरे चरण के परीक्षण में 78 फीसदी की प्रभावकारिता दिखाई है।
- स्पुतनिक वी ने कोरोना के खिलाफ 97.6 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है. हाल ही में अप्रैल महीने में स्पुतनिक वी को भारत में मंजूरी मिली।
- सरकार ने 2 मार्च, 2021 को टीकों को सरकारी अस्पतालों में निशुल्क रखा. वहीं निजी केंद्रों पर सरकार ने इसकी कीमत 250 रुपये निर्धारित की है।
टीके के बाद कोरोना से हुए संक्रमित
कोरोना से संपूर्ण सुरक्षा बेशक दोनाें डोज लगवाने के बाद ही मिलेगी, लेकिन ताजा अध्ययन बता रहे हैं कि एक डोज लगवाने वाले जो लोग संक्रमित हुए भी हैं, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत नहीं आई। टीके की एक डोज संक्रमित होने के बाद व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार पड़ने से बचा रही है। इसलिए एक डोज लगवा चुके लोगों की जान भी कोरोना से लगभग सुरक्षित मानी जा रही है। हालांकि, चिंता की बात यह है कि 100 दिन में भारत की 2 फीसदी आबादी को भी टीके की दोनों डोज नहीं लग पाई हैं।
70 फीसदी लक्ष्य कब पाएंगे, इन 5 बातों से समझिए
- 100 दिन में लगे टीकों का ओवरऑल औसत 13.84 लाख/प्रति दिन रहा है, जो बहुत कम है। यही रफ्तार रहती तो लगते 3 साल 6 महीने
- लेकिन, अब रोज लगने वाले टीकों का औसत (7 दिन मूविंग) 24 लाख चल रहा है। इस धीमी रफ्तार से चलेंगे तो लगेंगे 1 साल 9 महीने
- देश में हर महीने 8 करोड़ टीके बन रहे हैं। ये सभी टीके हर महीने देश में ही इस्तेमाल हों तो 70% आबादी कवर करने में लगेंगे 1 साल 8 महीने
- केंद्र का दावा है कि जून से बाद देश में 12 करोड़ टीके की प्रतिमाह उत्पादन क्षमता होगी। सभी टीके देश में इस्तेमाल हों तो लगेंगे 1 साल 2 महीने
- दो माह में विदेशी टीके आएंगे। हर माह 2 करोड़ संभव हैं। यानी 14 करोड़ टीके हर माह उपलब्ध होंगे। ऐसे में कुल समय लगेगा सिर्फ 1 साल