रायपुर। रायपुर विकास प्राधिकरण (RDA) में राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) के पद पर पदस्थ नेहा भेड़िया की ओर से जारी एक फरमान ने नियमों की धज्जियां उड़ाकर रख दी है। नियमों को ताक पर रखकर विभाग की राजस्व अधिकारी ने बिना डिस्पैच नंबर और डेट के आदेश जारी कर पसंदीदा अधिकारियों को वसूली का काम सौंप दिया। राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) के इस कारनामे की दास्तान सोशल मीडिया में भी खूब चर्चा में है। आदेश में बिना डेट और डिस्पैच को देखकर तरह-तरह के कमेंट किए जा रहे हैं।


वायरल आदेश पर इस तरह के कमेंट
मंत्री की रिश्तेदार, इसलिए नो टेंशन
जानकार सूत्रों के मुताबिक आरडीए में पदस्थ राजस्व अधिकारी (Revenue Officer) नेहा भेड़िया प्रदेश के एक कद्दावर मंत्री की रिश्तेदार बताई जा रही हैं। यही वजह है कि मैडम को काम और ट्रांसफर का कोई टेंशन नहीं है। इधर सूत्र बताते हैं कि विभाग में प्रशासनिक लचरता बढ़ती जा रही है। आलम ये है कि 80 साल के बुजुर्गों से लेकर हर वर्ग को अपना काम करवाने बार-बार विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। वहीँ 2-3 साल से पेंडिंग पड़े बिल को पास कराने में लोगों के पसीने छूट रहे हैं।
ये है पूरा मामला
बता दें कि रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) के निर्देश पर राजस्व अधिकारी नेहा भेड़िया की ओर से हस्ताक्षरयुक्त आदेश में राजस्व शाखा में कार्यरत 4 सहायक राजस्व निरीक्षको को शहर के विभिन्न इलाकों में वसूली का काम सौंपा गया है।

ये है आदेश की कॉपी
दिलचस्प बात तो ये है कि मैडम के हस्ताक्षर से जारी आदेश में ना तो डेट और नाहीं नंबर को डिस्पैच किया गया है। अब ऐसे कारनामे के बाद हंगामा मचना तो लाजिमी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
रायपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CEO) प्रभात मलिक से जब द रूरल प्रेस की टीम ने दूरभाष पर चर्चा कर मामले में उनका पक्ष जानना चाहा, तो सीईओ साहब ने वायरल आदेश की कॉपी देखकर आगे की कार्यवाही करने की बात कही है।

आवास मंत्री से नहीं हो सकी बात
वहीँ इस मामले में आवास मंत्री मोहम्मद अकबर से भी बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन खबर लिखे जाने तक मंत्री अकबर के वर्तमान समय में रायपुर में ना होने और फोन पर बात ना हो सकने के कारण उनका पक्ष नहीं मिल सका।