प्रदर्शन
कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ते ही 26 जून को धरना और जुलाई में देशभर में प्रदर्शन

टीआरपी डेस्क। देश में कोरोना की रफ्तार बहुत कम हो गई है। राज्य धीरे-धीरे अनलॉक की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसे में किसान संगठन भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी में जुट गए हैं। किसान संगठन आंदोलन के सात महीने पूरे होने पर 26 जून को देशभर में राजभवनों पर धरना देंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वे 26 जून को अपने विरोध प्रदर्शन के दौरान काले झंडे दिखाएंगे और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को ज्ञापन भेजेंगे।

जुलाई में राज्यों के सभी छोटे-बड़े किसान संगठनों को दिल्ली आने और राज्यों में ही छोटे प्रदर्शनो के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार के तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ एक बार फिर किसान संगठन देशभर में आवाज बुलंद करने की तैयारी कर रहे हैं।

इसलिए चुना 26 जून का दिन, बोले-देश में अघोषित आपातकाल

26 जून को ‘खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा। संयुक्त किसान संगठन कहा कि हम राजभवनों पर काले झंडे दिखाकर और प्रत्येक राज्य के राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज कराएंगे। 26 जून, 1975 भारत के इतिहास में एक काला दिन था, क्योंकि इस दिन सरकार ने आपातकाल की घोषणा की थी। वर्तमान स्थिति उससे दूर नहीं है। यह एक अघोषित आपातकाल की तरह है।

केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जून को हमारा आंदोलन को सात महीने पूरे हो रहे हैं। तानाशाही के इस माहौल में खेती के साथ-साथ लोगों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी हमला हुआ है। यह एक अघोषित आपातकाल है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर