टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार ने कारोबारियों के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। केन्द्र सरकार ने रिटेलर्स और होलसेल कारोबारियों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) के दायरे में शामिल कर लिया है। बता दें कि कोरोना वायरस महामारी (Corona Pandemic) के चलते देश के खुदरा और थोक व्यापारियों को भारी नुकसान हुआ है। इससे उबारने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है।

PM Modi ने ट्वीट कर दी जानकारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) ने शनिवार को ट्वीट कर कहा कि हमारी सरकार ने खुदरा और थोक व्यापार को MSME के रूप में शामिल करने का एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे करोड़ों व्यापारियों को आसानी से ऋण मिलने में मदद मिलेगी। उन्हें कई अन्य लाभ मिलेंगे और उनके कारोबार को भी बढ़ावा मिलेगा। हम हमारे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
Our government has taken a landmark step of including retail and wholesale trade as MSME. This will help crores of our traders get easier finance, various other benefits and also help boost their business.
We are committed to empowering our traders. https://t.co/FTdmFpaOaU
— Narendra Modi (@narendramodi) July 3, 2021
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हमें इकोनॉमिक ग्रोथ में मदद मिलेगी- MSME मंत्री नितिन गडकरी
वहीं MSME मंत्री नितिन गडकरी ने भी शुक्रवार को एक ट्वीट कर इसका ऐलान करते हुए कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम MSME को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इससे हमें इकोनॉमिक ग्रोथ में मदद मिलेगी। इस बारे में सरकार की संशोधित गाइडलाइंस से ढाई करोड़ रिटेल और होलसेल कारोबारियों को फायदा होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण आई दिक़्क़तों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
अब खुदरा और थोक व्यापारी भी उद्यम रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे, 2.5 करोड़ से अधिक व्यापारियों को इसका लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में हम MSME को देश के इकोनॉमिक ग्रोथ का इंजन बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। #MSMEGrowthEngineOfIndia⁰ #AatmanirbharBharat
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) July 2, 2021
बता दें, खुदरा तथा थोक व्यापार को सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (MSME) के दायरे में लाने के सरकार के फैसले को उद्योग संगठनों ने ऐतिहासिक करार दिया है और अपनी खुशी जाहिर की है। वहीं व्यापारी संगठन का कहना है कि सरकार के इस फैसले से खुदरा और थोक व्यापार को भी बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त श्रेणी में ऋण उपलब्ध हो सकेगा।
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रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (RAI) ने कहा कि MSME को अपने बचाव, पुनरुद्धार तथा आगे बढ़ने के लिए जरूरी समर्थन मिल सकेगा। वहीं कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने कहा कि इस फैसले के बाद व्यापारी एमएसएमई की श्रेणी में आएंगे और उन्हें बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के तहत कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी।