टीआरपी डेस्क। हाथरस गैंगरेप ( HATHRAS GANGRAPE ) मामले में एक ओर जहां देशभर में आक्रोश भड़का है, लोग पीड़िता के लिए न्याय मांग रहे हैं वहीं अब लोग जातिवाद के आधार पर आरोपियों के समर्थन में भी लोग लामबंद हो रहे हैं। शुक्रवार को बूलगढ़ी गांव के पास ही स्थित बघना गांव में ठाकुर समुदाय की पंचायत हुई जिसमें आरोपियों की रिहाई के लिए अभियान चलाने का फैसला लिया गया। इस पंचायत में बूलगढ़ी और आसपास के एक दर्जन गांव के ठाकुर और सवर्ण समाज के लोग शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इस घटना की आड़ में सवर्णों को निशाना बनाया जा रहा है और सवर्ण समाज के खिलाफ दलितों का आक्रोश भड़काया जा रहा है।

उनका कहना था कि जब मेडिकल रिपोर्ट ( medical report ) में गैंगरेप की पुष्टि ही नहीं हुई है तब आरोपियों को किस आधार पर निशाना बनाया गया है। इस घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए दोनों पक्षों के नार्कों टेस्ट कराए जाने की मांग की है। साथ ही ये फैसला भी लिया गया कि पीड़िता के गांव में किसी बाहरी को घुसने नहीं दिया जाएगा।

गैंगरेप आरोपियों के परिवार ने कहा- इनके साथ बैठना-बोलना भी पसंद नहीं करते, हमारे बच्चे इनकी बेटी को छुएंगे क्या?

कल ही ठाकुर समाज से संबंध रखने वाले एक पूर्व विधायक ने बयान दिया था कि लड़की की हत्या में उसके परिजन ही शामिल हैं। इस तरह की खबरों से पीड़िता के परिजनों की बेचैनी और बढ़ रही हैं। इधर गिरफ्तार आरोपियों के परिवार कहते मिले, ‘हम इनके साथ बैठना-बोलना तक पसंद नहीं करते, हमारे बच्चे इनकी बेटी को छुएंगे?’

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