रायपुर। प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में मांग की है कि पट्टाधारी आदिवासियों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जाए। सीएम ने बताया कि इस योजना के तहत पट्टे की भूमि में खेती कर रहे किसानों को शामिल नहीं किया गया है। जिससे प्रदेश के लाखों आदिवासियों को योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।  प्रदेश में 4 लाख पट्टाधारी है, जिन्हें इस योजना का लाभ मिल पाएगा। सीएम ने इस योजना के अंतगर्त प्रति वर्ष मिलने वाली राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 12 हजार प्रदान किए जाने की मांग की है।

क्या लिखा है पत्र मेंः

वनवासी व आदिवासी समुदाय के लोगों को जीवन-यापन के परम्परागत अधिकार प्रदान कराने के उद्देश्य से वन अधिकार अधिनियम 2006″ लागू किया गया। यह कानून वनवासियों को 13 व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकार प्रदान करता है। इस कानून के लागू किये जाने से लाखों वनवासी परिवारों के जीवन में एक नई आशा का संचार हुआ था।

इन परिवारों को पट्टा दिये जाने के बाद विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इन्हें लाभान्वित करने के भी प्रावधान किये गये हैं, ताकि उनके जीवन स्तर में सुधार हो सके तथा वे गरीबी के चंगुल से टकरा प्राप्त कर सके। छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 4 लाख परिवारों को “अधिनियम” अंतर्गत पट्टे प्रदान किये गये हैं तथा अभी भी पट्टे दिये जाने की कार्यवाही की जा रही है।

केन्द्र सरकार द्वारा फरवरी 2019 में देश के लघु एवं सीमान्त कृषकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से “प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आरंभ की गयी है। जिसमें चिन्हांकित परिवार को 6,000 हजार रुपए प्रति वर्ष की आर्थिक सहायता दिये जाने के प्रावधान किये गये हैं। इस योजना के हितग्राहियों में वन अधिकार अधिनियम’ अन्तर्गत प्राफ्त पट्टेधारियों को शामिल नहीं किया गया है। जो कि पट्टे की भूमि पर खेती कर रहे है, गरीबी रेखा के नीचे हैं, तथा योजना से लाभ प्राप्त करने हेतु प्रथम प्राथमिकता रखते हैं।

उचित होगा कि वन अधिकार अधिनियम’ अन्तर्गत प्राप्त पट्टाधारी कृषकों की कमजोर सामाजिक-आर्थिक दशा को दृष्टिगत रखते हुए उन्हें “प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि’ योजना अंतर्गत 6,000/- प्रति वर्ष के स्थान पर 12,000/- प्रतिवर्ष प्रदान किये जायें।

अनुरोध है कि देश के करोड़ों वनवासियों के हितों को देखते हुए पट्टाधारी कृषकों को योजना के आरंभ दिनांक से लाभान्वित करने हेतु संबंधित विभाग को समुचित निर्देश शीघ्र जारी करने का कष्ट करें।