नई दिल्ली। कई राज्यों में बिजली संकट गहराता जा रहा है। आंध्र प्रदेश, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, झारखंड, बिहार, दिल्ली और तमिलनाडु समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरफ से कोयले की कमी के मुद्दे उठाने के बाद केंद्र सरकार बिजली उत्पादन पर जोर दे रही है। जिसके बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभाल ली है। इसे मामले में गृह मंत्री शाह ने मंत्रियों की मीटिंग बुलाई गई है, साथ ही NTPC के अफसर भी मौजूद रहे।

बैठक में मौजूद रहें NTPC के अफसर
देश के 135 प्लांट में से 110 प्लांट ऐसे हैं, जो कि कोयले की कमी की वजह से क्रिटिकल स्थिति में पहुंच चुके हैं। वहीं दिल्ली, पंजाब, केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक की सरकारों ने केंद्र को बिगड़ते हालात पर चेतावनी दे दी है। इसके साथ ही विगत दिवस ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी इस मुद्दे पर मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे दोनों केंद्रीय मंत्रियों के साथ उनके मंत्रालयों के अफसर भी मौजूद थे, इस अहम बैठक में एनटीपीसी के अधिकारियों ने भी भाग लिया।
यही नहीं केरल, महाराष्ट्र ने तो नागरिकों से अपील की है कि वह बिजली की सावधानी से खपत करें। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने दिल्ली में बिजली आपूर्ति बनाए रखने की बात कही थी, उन्होंने कहा था कि दिल्ली में जितनी बिजली की आवश्यकता है, उतनी बिजली की आपूर्ति हो रही है और होती रहेगी। इस आशंका के बीच कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोल दिया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कोयला संकट को लेकर केंद्र पर आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि केंद्र बिजली उत्पादन में कमी के मुद्दे से भाग रहा है। कोविड-19 की दूसरी लहर के चरम के दौरान ऑक्सीजन संकट का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र सरकार हमेशा वास्तविक मुद्दों की उपेक्षा करती है।उन्होंने कहा, “कोयले की स्थिति ऑक्सीजन संकट के समान है। हालांकि, केंद्र इसे स्वीकार नहीं करेगा।”
ट्वीट पर छिड़ी सियासत
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा है ‘हम अचानक देश के पॉवर प्लांट में कोयला आपूर्ति के संकट की बात सुन रहे हैं। क्या एक खास निजी कंपनी इस संकट का फायदा उठा रही है। इसकी जांच कौन करेगा। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा है “पेट्रोल के बाद जेब पर गिरेगी, बिजली की कीमत। कोयले की आपूर्ति में भारी किल्लत कर दी है। साथ ही, बिजली नीति संशोधित कर दी। संशोधन के बाद साहेब और ‘उनके मित्र’ मनमर्जी रुपये/ यूनिट बिजली बेचेंगे।’
प्रधानमंत्री को लिखा था पत्र
कोयले की कमी होने से उत्तर प्रदेश में बिजली प्लांटों ने काम करना बंद कर दिया है’ उन्होंने कहा कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी पहले ही इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख चुके हैं।’ देश में कोयले की कमी होने से उत्तर प्रदेश में बिजली प्लांटों ने काम करना बंद कर दिया है, लेकिन केंद्र सरकार इस ओर आंखें मूंद रही है।’
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