कोविशील्ड
image source : google

टीआरपी डेस्क। कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मंजूरी न देने वाले यूरोपीय संघ के देशों पर भारत का दबाव बनाना काम कर गया है। बता दें, भारत में कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों डोज लगा चुके लोग अब यूरोपीय देशों की यात्रा कर सकेंगे। जानकारी अनुसार, यूरोपीय संघ के 7 देशों और स्विट्जरलैंड ने गुरुवार को कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी है। 7 यूरोपीय संघ के देशों ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आइसलैंड, आयरलैंड और स्पेन के अलावा स्विट्जरलैंड ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोविशील्ड वैक्सीन को ग्रीन पासपोर्ट में शामिल किया है।

यह भी पढ़े: खरीफ वर्ष 2021-22 के प्रारंभ से अलर्ट हुआ कृषि विभाग… बीज, उर्वरक, कीटनाशक विक्रेताओं पर कसा शिकंजा

हालांकि इससे पहले बुधवार को भारत ने यूरोपीय संघ (EU) के सदस्य देशों से कोविशील्ड और कोवैक्सीन को ग्रीन पास स्‍कीम में शामिल करने को कहा था। सरकार ने EU से दो-टूक कह दिया है कि इन दोनों वैक्‍सीन को एक्‍सेप्‍ट करें या फिर EU के नागरिकों के भारत पहुंचने पर उनके लिए क्‍वारंटीन अनिवार्य किया जाएगा। यूरोपीय संघ ने अपनी ‘ग्रीन पास’ योजना के तहत यात्रा पाबंदियों में ढील दी है। वहीं भारत ने समूह के 27 सदस्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगवा चुके भारतीयों को यूरोप की यात्रा करने की अनुमति देने पर वह अलग-अलग विचार करें।

परस्पर अदला-बदली की नीति अपनाएगा

भारत ने EU के सदस्य देशों से कहा है कि वह परस्पर अदला-बदली की नीति अपनाएगा और ‘ग्रीन पास’ रखने वाले यूरोपीय नागरिकों को अपने देश में अनिवार्य क्‍वारंटीन से छूट देगा। शर्त यह है कि उसकी कोविशील्ड और कोवैक्सीन को मान्यता देने के अनुरोध को स्वीकार किया जाए। जानकारी अनुसार, भारत ने EU से अनुरोध किया है कि कोविन पोर्टल के माध्यम से जारी वैक्‍सीनेशन सर्टिफिकेट को स्वीकार किया जाए।

यह भी पढ़े: करोड़ों की ठगी करने वाला चिटफंड कंपनी पीएसीएल का डायरेक्टर पंजाब में गिरफ्तार, पांच सालों से था फरार

यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड सर्टिफिकेशन स्‍कीम

यूरोपीय संघ की डिजिटल कोविड सर्टिफिकेशन स्‍कीम या ‘ग्रीन पास’ स्‍कीम गुरुवार से प्रभाव में आएगी। इसके तहत कोविड-19 महामारी के दौरान स्वतंत्र आवाजाही की अनुमति होगी। इस रूपरेखा के तहत उन लोगों को EU के अंदर यात्रा पाबंदियों से छूट होगी। जिन्होंने यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए) की ओर से अधिकृत टीके लगवाए हैं। अलग-अलग सदस्य राष्ट्रों को उन टीकों को स्वीकार करने की भी स्वतंत्रता है, जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर या विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अधिकृत किया गया है।

यह भी पढ़े: LPG सिलिंडर की कीमतों में 25.50 रुपये का इजाफा, जानिए आज से कितनी महंगी हुई आपकी रसोई गैस

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उठाया मुद्दा 

बता दें कि शुरुआत में यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) ने कोविशील्ड को मंजूरी न देने के पीछे की वजह बताते हुए कहा था कि वैक्सीन के पास वर्तमान में यूरोपीय संघ में मार्केटिंग ऑथराइजेशन नहीं है। मैन्युफैक्चरिंग में जरा से अंतर के चलते तैयार उत्पाद में खासा अंतर हो सकता है क्योंकि टीके जैविक उत्पाद हैं। एजेंसी ने कहा कि यूरोपीय संघ के कानून में मैन्युफैक्चरिंग साइट्स और प्रोडक्शन प्रोसेस का मूल्यांकन करने की आवश्यकता है। किसी भी वैक्सीन की क्लीयरेंस के लिए यह जरूरी है।

यह भी पढ़े: BREAKING : भिलाई इस्पात संयंत्र के बाहर वेज रिवीजन को लेकर आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज, 10 कर्मचारी घायल

वहीं EU के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के पास कोविशील्ड जैसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से अधिकृत टीकों को स्वीकार करने का विकल्प होगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को यूरोपीय संघ के उच्च प्रतिनिधि जोसेफ बोरेल फोंटेलेस के साथ बैठक के दौरान कोविशील्ड को EU के डिजिटल कोविड प्रमाणपत्र योजना में शामिल करने का मुद्दा उठाया था।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे फेसबुक, ट्विटरटेलीग्राम और वॉट्सएप पर