कांवड़ यात्रा
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टीआरपी डेस्क। करोड़ों शिव भक्तों के लिए एक बड़ी खबर सामने आ रही है। कोरोना के खतरे को देखते हुए इस साल भी सरकार ने कांवड़ यात्रा कैंसिल करने का फैसला किया है। शहरी विकास विभाग ने यात्रा पर रोक संबंधी आदेश जारी कर दिए हैं। बता दें, सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा करीब 15 दिन चलती है। जिसमें आसपास के राज्यों से करीब 1 करोड़ लोग पहुंचते हैं लेकिन इस बार भी सावन में हरिद्वार, ऋषिकेश से लेकर गौमुख तक सन्नाटा पसरा रहेगा।

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दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआती दौर में हरिद्वार कुंभ के बाद से सरकार अतिरिक्त एहतियात बरत रही है। कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को भांपते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा पर रोक लगाई है। मुख्य सचिव ओमप्रकाश के निर्देश के बाद शहरी विकास विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए। शहरी विकास विभाग के अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की।

कोरोना के कारण स्थगित कांवड़ यात्रा

आपको बता दें कि हर साल कांवड़ यात्रा में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। उनकी आवाजाही से कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसलिए कोरोना की तीसरी लहर और वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस के खतरे को देखते हुए कांवड़ यात्रा न करने का फैसला लिया है।

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हर साल कांवड़ यात्रा में दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में कांवड़ियां हर की पैड़ी आते हैं। जहां से गंगाजल लेकर शिवरात्रि पर अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का सरकार की ओर से निर्णय हो चुका है।

कुंभ मेला भी कोरोना की वजह से रहा फीका 

बता दें, 12 साल में होने वाला हरिद्वार का कुंभ भी इस बार कोरोना की वजह से फीका रहा। पहले कुंभ में कोरोना के डर से कारोबार का नुकसान हुआ। वहीं अब कांवड़ कैंसिल होने का असर हरिद्वार-ऋषिकेश में बिजनेस करने वालों पर पड़ेगा। सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि जिंदगी रहेगी तो बिजनेस भी होगा। हजारों लोगों की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता।

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गौरतलब है कि पिछले साल 15 मार्च को प्रदेश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला मिला था। संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकार ने कांवड़ यात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया था। साथ ही सरकार ने यह भी फैसला लिया था कि शिव भक्तों को गंगा जल उन्हीं के राज्यों में उपलब्ध कराया जाएगा।

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