नई दिल्ली। बर्फ पर चलेगा तो कैसा लगेगा…. मुझे बहुत ठंडी लगेगी। जब हमें गुस्सा आएगा तो हम क्या करेंगे मुझे गुस्सा आएगा तो मैं गाना गाउंगा… तभी मन्नू भाई मोटर चली पम….पम.. पम गाना बजने लगता है। यह कोई बच्चों की पार्टी नहीं है बल्कि दिल्ली का एक सरकारी अस्पताल है। जहां के डॉक्टरों (Doctor) ने बीमार बच्चों के इलाज और उन्हें खुश रखने का नया तरीका इजाद किया है।

अस्पताल में डॉक्टर बच्चों को खुश करने के लिए जोकर का भेष भी लेते है। बच्चों के साथ बच्चे बन थीरकते रहते हैं। दिल्ली सरकार (Delhi Goverment) के अस्पतालों में कुछ इस तरह से हो रहा है मरीजों का इलाज। देखिये दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय से सरकार द्वारा शुरू की गई “Happiness Therapy” की एक झलक।

डॉक्टर बच्चे बन कैसे करते हैं बच्चों का उपचार जरूर देखें यह Video

 

इलाज का क्या है मकसद

मरीज व परिजन अपनी तकलीफ लेकर अस्पताल आते हैं। डॉक्टर भी मरीजों का दर्द दूर करने के लिए जांच और फिर दवाएं लिख देते हैं। अगर इससे फायद न हुआ तो भर्ती भी कर लेते हैं। मगर इस थैरेपी का असली मकदस मरीजों को खुश कर उनकी तकलीफ को कम करना है। दिल्ली के गीता कॉलोनी स्थित चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में खचाखच मरीजों से भरे अस्पताल में पुराने और नए गानों पर सभी गुनगुनाते और थिरकते दिखाई देते हैं। कुछ समय के लिए ही सहीं पर मरीज अपना दर्द भूल जाते हैं और चिकित्सकों के साथ थिरकते नजर आते हैं।

 

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