यहां होटल में बस 10 से 12 हजार रुपए चुकाओ फिर क्या..हो गए क्वारंटीन और निकल जाओ सैर पर: ध्यान से पढ़ें खबर कैसे जान से हो रहा है खिलवाड़
यहां होटल में बस 10 से 12 हजार रुपए चुकाओ फिर क्या..हो गए क्वारंटीन और निकल जाओ सैर पर: ध्यान से पढ़ें खबर कैसे जान से हो रहा है खिलवाड़

टीआरपी न्यूज डेस्क। पूरा देश कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है। सरकारी सिस्टम लोगों की बचाने के लिए दिनरात लगा हुआ लेकिन, अब जो खबर आई है वो पूरे सिस्टम को शर्मसार करने वाली है।

दरअसल महाराष्ट्र व खासकर मुंबई में तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण की एक चौंकाने वाली वजह सामने आई है। यहां विदेश से लौटने वाले लोगों से एयरपोर्ट पर मौजूद एजेंटों के जरिए अवैध वसूली हो रही है। उन्हें क्वांरटीन हुए बगैर खानापूर्ति कर घर जाने दिया जा रहा है। 

क्वारंटीन के नाम पर अवैध वसूली का खेल

मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर रोजाना बड़ी संख्या में विदेशों से स्वदेशी व विदेशी यात्री पहुंचते हैं। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत उन्हें पहले होटल में क्वारंटीन किया जाता है, इसके बाद ही वे अपने घर या अन्य गंतव्य तक जा सकते हैं। बस यहीं से क्वारंटीन के नाम पर अवैध वसूली का खेल शुरू हो जाता है। 

बीएमसी की भी मिलीभगत

एक मीडिया संस्थान ने इसे लेकर स्टिंग अभियान चलाया और एयरपोर्ट पर मौजूद एजेंट से चर्चाकर क्वारंटीन के फर्जीवाड़े का पता लगाया। एजेंट ने बताया कि इसमें मुंबई महानगर पालिका के अधिकारी भी शामिल हैं। अवैध वसूली में उनकी भी मिलीभगत है।  

बस होटल चलिए, कुछ वक्त बिताइये और हो गए क्वारंटीन

एजेंट ने स्टिंग अभियान करने वाले मीडियाकर्मी को क्वारंटीन के फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी दी। एजेंट ने बताया कि बस आपको 10 से 12 हजार रुपए खर्च करना पड़ेंगे। आपको मुंबई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एक होटल चलना होगा। वहां पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों के आधार पर आपको चेक-इन किया जाएगा। आप वहां कुछ देर रुकना और ‘फीस’ चुकाकर वहां से निकल जाना। हम आपका काम बहुत सस्ते में निपटा देंगे। 

कोई परेशानी नहीं होगी, मिले हुए हैं बीएमसी वाले


एजेंट ने यह भी बताया कि क्वारंटीन के इस फर्जीवाड़े में विदेश से आए व्यक्ति को फीस चुकाने के अलावा कोई परेशानी नहीं होती। इस खेल में चूंकि मुंबई महानगर पालिका के लोग भी लिप्त हैं, उन्हें उनकी हिस्सेदारी मिल जाती है, इसलिए कोई परेशानी नहीं होती। एजेंट ने बताया कि कुछ होटल तो दो-दो हजार रुपए में यह काम कर रहे हैं। हम लोग रोज 10 से 12 लोगों को ऐसे ही निकाल रहे हैं।