DMF की राशि में कमीशन के फेर में डेढ़ करोड़ के काम को 11 भागों में बांटा, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
DMF की राशि में कमीशन के फेर में डेढ़ करोड़ के काम को 11 भागों में बांटा, कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

कोरबा। DMF के फंड से ग्राम पंचायत करतला में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल भवन बनाने के काम को ग्यारह टुकड़ों में अलग-अलग बांटकर बिना कार्यादेश के ही काम शुरू करवा दिया गया, बाद में जब मामले की शिकायत हुई तो आनन-फानन में बैक डेट में वर्क आर्डर इश्यू कर दिया गया। मगर जब मामले ने और तूल पकड़ा तब कलेक्टर ने इसकी जाँच के आदेश दे दिए।

पंचायत को इसलिए बनाया निर्माण एजेंसी

प्रदेश भर में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले जा रहे हैं, और इसके लिए ज्यादातर स्थानों पर पुराने भवन का ही जीर्णोद्धार कर उसे नया लुक देते हुए स्कूल शुरू किया जा रहा है, कोरबा जिले के करतला ब्लॉक मुख्यालय में भी पुराने स्कूल भवन में आत्मानंद स्कूल चलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा DMF के मद से 01 करोड़ 55 लाख रूपये स्वीकृत किये गए। पूर्व कलेक्टर किरण कौशल के कार्यकाल में स्वीकृत हुए इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत को ही निर्माण एजेंसी बना दिया गया। चूंकि पंचायतों को 20 लाख तक के कार्य कराने की अनुमति होती है, इसलिए 01 करोड़ 55 लाख रूपये के इस कार्य को 11 टुकड़ों में बाँट दिया गया। आरोप लग रहे हैं कि कमीशनखोरी के चक्कर में ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया। वहीं इस कार्य की तकनिकी स्वीकृति ऐसेइंजीनियर से कराई गई जिसे केवल 01 लाख रूपये तक के कार्य की स्वीकृति देने का अधिकार है, उससे 12 लाख तक के कार्यों की तकनिकी स्वीकृति भी करा ली गई।

काम करने की जल्दबाजी में कर दी गड़बड़

करतला में आत्मानंद इंग्लिश स्कूल के निर्माण के लिए 08 सितंबर को इलाके के भाजपा विधायक ननकी राम कँवर से भूमिपूजन भी करा लिया गया, और आनन-फानन में निर्माण सामग्रियां गिराकर काम शुरू कर दिया गया। दरअसल इस कार्य का वर्क आर्डर ही जारी नहीं किया गया था और काम शुरू कर दिया गया। इसकी जानकारी होने पर जब यहां के पंच सत्यप्रकाश खूंटे और कुछ अन्य लोगों ने निर्माण कार्य में लगे लोगों से इस काम का वर्क आर्डर माँगा तब सभी एक दूसरे का मुंह देखते रह गए, उलटे यहां के सरपंच ललित राठिया ने थाने में शिकायत कर दी कि सत्यप्रकाश और उसके साथी निर्माण स्थल पर जाकर मजदूरों को धमका रहे थे।

शिकायत पर जांच का हुआ आदेश


दरअसल करतला में हुई एक ग्रामसभा में आत्मानंद स्कूल 34 साल पुराने भवन की बजाय नए भवन में बनाये जाने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था। इसी कड़ी में पिछले दिनों DMF को लेकर हुई अधिशासी परिषद् की बैठक में सांसद ज्योत्सना महंत ने भी करतला में आत्मानंद स्कूल के लिए नए भवन के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी ने सहमति दी, इसकी जानकारी होने के बावजूद यहां पुराने भवन में ही कार्य शुरू करा दिया गया।

जिसकी शिकायत करने के लिए बड़ी संख्या में पंचायत प्रतिनिधि और ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपा। क्षेत्र के दौरे पर निकली कलेक्टर रानू साहू को जब इस शिकायत की जानकारी हुई तब उन्होंने तत्काल इस कार्य को रोकते हुए इसकी जाँच का आदेश जारी कर दिया।

तत्काल जारी हो गया कार्यादेश

इस मामले का रोचक पहलु यह है कि आनन-फानन में शुरू किये गए इस निर्माण कार्य का वर्क आर्डर 22 सितंबर की शाम तक जारी भी हो गया, और वह भी बैक डेट यानि 01 सितम्बर की तारीख का, वहीं जब देर शाम कलेक्टर ने इस कार्य के जांच का आदेश जारी किया तब इस वर्क ऑर्डर को निरस्त भी कर दिया गया।

DMF की राशि चढ़ रही है कमीशन की भेंट

कोरबा जिला DMF को लेकर शुरू से ही चर्चा में रहा है। यहां अब तक कई कलेक्टर पदस्थ हो चुके हैं, मगर DMF की राशि की बंदरबांट की जो परंपरा शुरू हुई थी, वह आज भी जारी है, इस व्यवस्था को आज तक दुरुस्त नहीं किया जा सका है। सवाल उठता है कि डेढ़ करोड़ के काम को आखिर टुकड़ों में बाँटने की जरुरत क्यों पड़ी, वहीं जब पुराने भवन के स्थान पर आत्मानंद स्कूल के लिए नया भवन बनाने की स्वीकृति हो चुकी है तब भी इस कार्य को ग्राम पंचायत से कराने की इतनी जल्दबाजी क्यों थी? जानकर बताते हैं कि सारा कुछ कमीशन के चक्कर में हो रहा है। बहरहाल कलेक्टर रानू साहू ने जिला पंचायत के सीईओ कुंदन कुमार को इस मामले की जाँच कर नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

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