कोरबा। एसईसीएल के दीपका मनगांव ओबी फेस व गेवरा नरईबोध ओबी फेस पर पर भू-विस्थापितों का आंदोलन शुक्रवार को भी जारी रहा। विजयादशमी पर्व के दिन प्रोडक्शन में लगी मशीनें नहीं चली और उत्पादन भी बंद रहा। वहीं भू-विस्थापितों ने विरोध स्वरूप रावण के प्रतीक के रूप में एसईसीएल सीएमडी जिले में संचालित कोल परियोजना कोरबा, कुसमुंडा, दीपका और गेवरा एरिया के महाप्रबंधकों का पुतला जलाकर दशहरा मनाया।

आंदोलन ख़त्म करने का कोई प्रयास नहीं

कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी के दौरे के बाद भी भू-विस्थापितों का आंदोलन शांत नहीं हुआ है। उनका कहना है कि जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी, वे आंदोलन से पीछे नहीं हटने वाले हैं। भू-विस्थापितों के मुताबिक वे अपने अधिकार के लिए आंदोलन कर रहे हैं। प्रबंधन व प्रशासन कोई सुनवाई नहीं कर रहा है। इसलिए यह कदम उठाना पड़ रहा है। बता दें कि पिछले करीब दो सप्ताह हो गए भू-विस्थापितों के आंदोलन को खत्म करने के लिए अब तक प्रबंधन व प्रशासन की ओर से कोई पहल नहीं की गई है। हालांकि आंदोलन शुरू होने के कुछ दिन बाद भू-विस्थापितों को समझाइश देने के लिए एक बार एसडीएम व दीपका प्रबंधन के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। भू-विस्थापितों की समस्याओं को लेकर कुसमुंडा, गेवरा व दीपका एरिया के महाप्रबंधकों के साथ बैठक करने की बात भी कही थी।

हालांकि किसी कारण से यह बैठक नहीं हो पाई और आंदोलन जारी है। भूविस्थापितों ने अपना विरोध दर्शाने के लिए इस बार दशहरे में प्रतीक स्वरूप SECL के CMD और चारों कोयला परियोजनाओं के CGM का पुतला जलाया। उधर दशहरे के दिन एसईसीएल के दीपका ओबी फेस पर शुक्रवार को एक भी मशीनें नहीं चलीं। भू-विस्थापित सुबह से धरना-प्रदर्शन स्थल पर डटे रहे। मगर शुक्रवार को उन्होंने मशीनों को खुद नहीं रोका। ओबी फेस पर दिन भर करीब 5 ड्रिल मशीनेंए 4 सावेल मशीन और 30 डंपर खड़े रहे। भू.विस्थापितों ने बताया कि उनका आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से जारी है। प्रबंधन मांगे नहीं मानेगा तो फिर उत्पादन बाधित करना पड़ेगा।

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