कई का कोरोना ने छीना रोजगार, लेकिन प्रदेश में पहली बार हेल्थ सेक्टर में 5449 सरकारी नौकरियां भी मिली
कई का कोरोना ने छीना रोजगार, लेकिन प्रदेश में पहली बार हेल्थ सेक्टर में 5449 सरकारी नौकरियां भी मिली

रायपुर। कोरोना वायरस से बचने के लिए दुनिया भर में लॉकडाउन का सिलसिला जारी किया गया था। लेकिन महामारी के बीच बीमारी को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में पहली बार हेल्थ सेक्टर में 5449 पदों पर भर्ती ली गई है। इसमें से 3449 का स्टाफ संविदा और 2100 पद रेगुलर हैं।

इसके अलावा, सोमवार से तीन नए सरकारी मेडिकल कॉलेजों महासमुंद, कांकेर और कोरबा में जल्द ही 840 पदों पर नियुक्तियां होने जा रही है।

गौरतलब है कि चतुर्थ श्रेणी से लेकर अकादमिक स्टॉफ तक हर कॉलेज में 280 से ज्यादा पोस्टिंग होने वाली है। कोरोना के दौर ने भले ही मुश्किलों को बढ़ाया लेकिन प्रदेश में हेल्थ के सेटअप को मजबूत बनाने में भी ये कारगर साबित हुआ है।

6 हजार से ज्यादा युवाओं को मिला रोजगार

इतना ही नहीं, पूरे कोरोना के दौर में हेल्थ विभाग में संविदा और अस्थायी तौर पर निकाली गई नौकरियों के जरिए प्रदेश में करीब 6 हजार से ज्यादा युवाओं को रोजगार भी मिला है।

बता दें फिलहाल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार कम हो रहे हैं, इसके लिये प्रदेश में 113 से ज्यादा कोविड केयर सेंटर भी बनाए गए, इनमें भी जिला स्तरों पर नियुक्तियां की गई। प्रदेश में 18 मार्च को कोरोना का पहला मरीज मिला, इसके बाद 28 जिलों में व्यापक तौर पर अस्पतालों और हेल्थ सेटअप को मजबूत बनाने के लिए फौरन तैयारियां भी की गई।

हर जिले में 100 से भी ज्यादा पोस्टों पर भर्तियां की गई

जिसके तहत हर जिले में आपदा प्रबंधन फंड और शासन के विविध वित्तीय मदों से जरूरत के मुताबिक सीएमएचओ को संविदा नियुक्तियों के अधिकार भी दिए गए। हर जिले में औसतन इस तरह डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरा मेडिकल स्टॉफ के 100 से भी ज्यादा पोस्टों पर भर्तियां की गई। शुरूआत में केवल तीन माह के लिए ये नियुक्तियां दी गई, लेकिन बाद में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर इस तरह भर्ती होने वाले स्टॉफ को लगातार एक्सटेंशन दिया जाते रहा।

कां‌टेक्ट ट्रेसिंग, आइसोलेशन में इलाज सबके लिए हुई भर्तियां

कांटेक्ट ट्रेसिंग, होम आइसोलेशन में इलाज करवा रहे मरीजों की सुविधा के लिए कॉल सेंटर जैसे सेटअप में भी हर जिले में औसतन 50 से अधिक नियुक्तियां की गई। रायपुर में स्मार्ट सिटी ने भी नगर निगम द्वारा संचालित कोविड केयर सेंटरों में इलाज के लिए, मोबाइल वेन के जरिए सैंपल कलेक्शन, कांटेक्ट ट्रेसिंग के लिए कॉल सेंटर जैसी जगहों पर 100 से भी ज्यादा अस्थायी भर्तियां की। हालांकि रायपुर में अभी कोविड केयर सेंटर बंद हो चुके हैं। होम आइसोलेशन कांटेक्ट ट्रेसिंग कॉल सेंटर अब भी संचालित किया जा रहा है।

हेल्थ एजुकेशन पर भी फोकस बढ़ाने की तैयारी, एडवांस करेंगे

संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. आरके सिंह के मुताबिक कोरोना काल के बाद से ही प्रदेश में मेडिकल एजुकेशन के स्तर को सुधारने के लिए फोकस बढ़ाया जा रहा है। प्रदेश में तीन नए मेडिकल कॉलेजों के जरिए चिकित्सा शिक्षा को अत्याधुनिक बनाने के लिए कवायद की जा रही है। महामारी जैसी आपदा में रिस्पांस को प्रॉम्ट बनाने के लिए हेल्थ सेटअप को मजबूत बनाने के साथ उतना ही जरूरी है कि यहां मेडिकल एजुकेशन पर भी फोकस बढ़ाया जाए। स्वभाविक तौर पर बेहतर प्रोफेशनल्स एजुकेशन के स्तर को बढ़ाने से मिलेंगे।

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