Mimi Chakraborty
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टीआरपी डेस्क। तृणमूल कांग्रेस सासंद मिमी चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) कोलकाता में ‘फर्जी’ टीकाकरण कैम्प का शिकार हो गईं। जिसके बाद शनिवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। चार दिन पहले ही उन्होंने शहर के कस्बा इलाके में आयोजित एक कैम्प में वैक्सीन लगवाया था।

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टीका लगवाने के बाद ही उन्हें धांधली का शक हुआ और उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। मामले की जांच शुरू हुई और यह एक बड़े वैक्सीन घोटाले के रूप में सामने आया। इस मामले की जांच के लिए SIT बना दी गई है। साथ ही आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है।

वैक्सीन लेने के बाद सांसद की बिगड़ी तबीयत

जानकारी अनुसार, वैक्सीन लेने के बाद मिमी की तबीयत बिगड़ने के कारण आज सुबह अपने घर डॉक्टर को बुलाया। उनके पेट में तेज दर्द था और लगातार पसीना आना समेत उन्हें स्वास्थय से जुड़ी कुछ परेशानियां हो रही हैं। हालांकि उन्हें अस्पताल में एडमिट कराने की सलाह दी गई है लेकिन उन्होंने एडमिट होने से मना कर दिया है और घर पर ही इलाज चल रहा है।

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फिलहाल अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या संभावित एंटीबैक्टीरियल इंजेक्शन के चलते उन्हें कोई विपरीत दुष्प्रभाव हो रहे हैं। मिमी ने सोशल मीडिया के जरिए जानकारी दी थी कि वैक्सीन भले ही नकली थी, लेकिन वह हानिकारक नहीं थी। सांसद ने बताया कि कैम्प पर इस्तेमाल किए जा रहे वायल्स को जांच के लिए लैब भेजा गया है और 4-5 दिनों में परिणाम आ सकते हैं।

वैक्सीन के बाद SMS न मिलने पर हुआ शक

बता दें, इस हफ्ते की शुरुआत में टीएमसी सांसद को वैक्सीन कैम्प में आमंत्रित किया गया था। दरअसल, देबांजनदेव नाम के एक शख्स ने उनसे IAS अफसर बनकर संपर्क किया था। उसने कहा था कि ट्रांसजेंडर्स और दिव्यांग लोगों के लिए खास वैक्सीनेशन ड्राइव चला रहा है। मिमी ने बताया कि उसने वैक्सीनेशन कैम्प में शामिल होने की गुजारिश की थी।

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मिमी ने बताया कि उन्होंने लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कैम्प में जाकर कोवीशील्ड का डोज लिया था। लेकिन उनके मोबाइल पर COWIN का मैसेज नहीं आया। ऐसे में शक होने पर उन्होंने पुलिस में शिकायत की और बाद में आरोपी पकड़ा गया। जिसके बाद उन्होंने बुधवार को कोलकाता में चल रहे एक फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का खुलासा किया था। उन्होंने दावा किया था कि वह खुद इस फर्जी वैक्सीनेशन कैंप का शिकार हो गई हैं।

आरोपी ने खुद को बताया ज्वाइंट कमिश्नर

देबांजनदेव नाम के शख्स की उम्र 28 साल है। उसके पिता का नाम मोनोतांजन देव है। वह कोलकाता के आनंदपुर के मदुरदाहा का रहने वाला है। वह खुद को कोलकाता नगर निगम का ज्वाइंट कमिश्नर बताता था। पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह फर्जी सील और कागजों से लोगों को धोखा दे रहा था। पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी ID, विजिटिंग कार्ड और हेल्थ डिपार्टमेंट से जारी वैक्सीन से जुड़े कुछ डॉक्यूमेंट भी बरामद किए हैं।

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