Pegasus Case : निगरानी समिति बनाएगी केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट से 10 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का मिला आदेश
Pegasus Case : निगरानी समिति बनाएगी केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट से 10 दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपने का मिला आदेश

टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सिविल सेवा परीक्षा देने के इच्छुक उन उम्मीदवारों को एक अतिरिक्त मौका देने की मांग याचिका खारिज कर दी है। जो अक्टूबर 2020 में अपनी आयु सीमा के तहत अंतिम अवसर में कोरोना महामारी के कारण शामिल नहीं हो पाए थे और जिनका आखिरी अवसर भी बर्बाद हो गया। न्यायमूर्ति एएम खानविलकर, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की तीन सदस्यीय पीठ ने यह निर्णय किया।

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गौरतलब है कि 24 फरवरी को हुए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने UPSC सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए अतिरिक्त मौका मांगने वाले उन अभ्यार्थियों को राहत देने से इंकार कर दिया था। जिनके लिए उम्र सीमा पिछली परीक्षा में समाप्त हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी को ही सिविल सर्विस अभ्यार्थियों की उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें इस साल होने वाले सिविल सर्विस प्री परीक्षा में बैठने के लिए एक अतिरिक्त मौके के मांग की गई थी।

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याचिका खारीज होने के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय का कहना है कि इस फैसले से याचिकाकर्ता आच्छादित नहीं हैं। उनका कहना है कि याचिकाकर्ता ऐसे लोग हैं जो 2020 की परीक्षा नहीं दे पाए थे क्योंकि वह लोग कोरोना महामारी से संक्रमित थे या क्वारंटीन थे। इस पर न्यायमूर्त खानविलकर का कहना है कि यह फैसला सभी लोगों को कवर करता है।

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आपको बता दें कि ऐसे अभ्यार्थियों का कोरोना के चलते साल 2020 में अंतिम प्रयास पूरा हो चुका था। सिविल सर्विसेज परीक्षा (प्रारंभिक) में अतिरिक्त मौका मांगने वाले अभ्यर्थियों में ऐसे अभ्यार्थी शामिल हैं। जो कोरोना (COVID-19) महामारी के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स की भूमिका में थे। इसलिए अतिरिक्त मौके को लेकर इन अभ्यार्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि कोरोना महामारी के दौरान व्यस्त दिनचर्या में परीक्षाओं के लिए ठीक से तैयारी नहीं कर सके थे। पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सु्प्रीम कोर्ट को बताया था कि 34000 छात्र ऐसे हैं जो 2020 की प्रारंभिक परीक्षा में अपना आखिरी प्रयास पूरा कर चुके हैं। ऐसे में यदि इन अभ्यर्थियों को यदि राहत दी जाती है तो प्रारंभिक परीक्षा 2021 में शामिल होने के लिए योग्य हो जाएंगे और इस साल की परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों के रास्ते को ब्लॉक करेंगे। ऐसा होने पर अन्य अभ्यर्थी भी मांग करेंगे और फिर यह एक अंतहीन साइकिल बन जाएगा।

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