टीआरपी डेस्क। कोरोना की दूसरी लहर का असर अब कम हो रहा है। मगर 6 से 8 हफ्तों में इसकी तीसरी लहर आने की आशंका भी जताई जा रही है। ऐसे में वायरस के बदलते स्वरूप ने चिंता बढ़ा दी है। वायरस के डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के बाद अब इसके नए वेरिएंट ने चिंता और भी बढ़ा दी है।

इस नए वेरियंट को ‘डेल्टा प्लस’ (Delta Plus Variant) या ‘AY.1 Variant’ नाम दिया गया है। WHO ने कोरोना के इस नए वेरियंट को लेकर चेतावनी जारी की है। WHO का कहना है कि भारत में मिले कोरोना के नए वेरियंट ‘डेल्टा प्लस’ पर वैक्सीन भी कम असरदार है।
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WHO ने कहा कि चूंकि इस वायरस का कई बार म्यूटेशन हो चुका है, यानी कोरोना वायरस कई बार अपना रूप बदल चुका है। ऐसे में वायरस ने अब जो रूप धारण किया है, वो काफी खतरनाक हो सकता है। साथ ही वैक्सीन भी उस पर कम असरदार हो सकती है।
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हालांकि, WHO ने ये भी कहा कि कोरोना की वैक्सीन बीमारी को गंभीर होने से जरूर बचा सकती है, लेकिन इस नए वेरियंट से फैलने वाले संक्रमण को रोकने में ज्यादा कारगर नहीं है। डेल्टा के बाद आने वाला डेल्टा+ वेरियंट काफी ज्यादा संक्रामक है और इसके कहर से बचने के लिए वैक्सीन की दोनों डोज लेना बेहद जरूरी है।