टीआरपी डेस्क। World War 3 : अमेरिका, भारत, ताइवान, ऑस्‍ट्रेलिया समेत दुनिया के कई देशों के साथ जंग के मंसूबे पालने वाले चीन ने विस्‍फोटकों से लैस आत्‍मघाती ड्रोन (Loitering munition) विमानों की जोरदार फौज तैयार की है।

ये ड्रोन एक ट्यूबलर लॉन्‍चर के अंदर होते हैं जो इशारा करते ही अपने दुश्‍मन पर टूट पड़ते हैं। इन लॉन्‍चर को एक हल्‍के वाहन और हेलिकॉप्‍टर के ऊपर तैनात किया जा सकता है। चीनी ड्रोन सेना के सामने आने के बाद अब दुनियाभर की सेनाओं के सामने बड़ा भविष्‍य की जंग ( World War 3 ) को लेकर खतरा पैदा हो गया है।

चीन ने एक साथ उड़ाए 200 ड्रोन विमान

चीन के इलेक्‍ट्रानिक्‍स अकादमी ने इस ड्रोन विमान को तैयार किया है। पिछले महीने ही इसका सफल परीक्षण किया है। इससे पहले चीन ने वर्ष 2017 में 120 छोटे ड्रोन को एक साथ सेना के रूप में उड़ाकर बड़ी कामयाबी हासिल की थी। बाद में चीन ने 200 ड्रोन विमानों को एक साथ उड़ाकर बड़ा कारनामा करके दिखाया। चीन के आत्‍मघाती ड्रोन विमान का नाम CH-901 नाम बताया जा रहा है। इस ड्रोन में लक्ष्‍य की पहचान के लिए सेंसर भी लगा हुआ है। इससे पहले अमेरिका ने भी इसी तरह का आत्‍मघाती ड्रोन विमान बनाया था।

एक साथ छोड़े जा सकते हैं 48 आत्‍मघाती ड्रोन

चीन के ट्यूबलर लॉन्‍चर से 48 ड्रोन एक साथ छोड़ा जा सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि बॉक्‍स के जैसे इस ड्रोन के लॉन्‍चर को जंगी जहाजों और जमीन पर कहीं भी तैनात किया जा सकता है। बता दें कि अमेरिकी नौसेना भी आत्‍मघाती ड्रोन को दागने का अभ्‍यास कर रही है। चीनी ड्रोन के अंदर इलेक्‍ट्रो-ऑप्टिकल कैमरा लगा हुआ है जो जमीन पर पहले निरीक्षण करता है और लक्ष्‍य की पहचान कर उस पर हमला कर देता है।

दुश्‍मन के एयर डिफेंस को ‘अंधा’ कर देती ड्रोन आर्मी

ड्रोन विमानों के झुंड को रोक पाना किसी भी देश के एयर डिफेंस के लिए बहुत मुश्किल होता है। चीन अब एक ट्रक मात्र से 48 ड्रोन एक साथ तैनात कर सकता है जिससे वह मात्र कुछ सेकंड के अंदर भीषण हमला कर सकता है। दुनिया में इस तरह के हमले को रोकने के लिए अभी कोई एयर डिफेंस सिस्‍टम नहीं है। इनको रोकने का एक ही तरीका है कि दुश्‍मन के ड्रोन आर्मी के हमले को नाकाम करने के लिए अपने ड्रोन विमान भेजे जाएं।

आर्मीनिया में तबाही मचा रहे हैं इजरायल में बने ड्रोन

अजरबैजान की सेना आर्मेनिया के सैनिकों और टैंकों को निशाना बनाने के लिए इजरायली Harop Kamikaze Drones का इस्तेमाल कर रही है। ये ड्रोन आत्मघाती होते हैं, जो दुश्मन के क्षेत्र की रेकी करने के अलावा अगर टॉरगेट दिखाई दे दिया तो उससे भिड़कर खुद को उड़ा लेते हैं। इस कारण आर्मेनिया की सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनके कई सैनिक इस ड्रोन के हमलों में मारे गए हैं।

ड्रोन खुद में मिसाइल, रडार को भी कर सकता है जाम

इस ड्रोन में अलग से कोई मिसाइल नहीं होती है, बल्कि यह ड्रोन खुद में एक मिसाइल है। इसमे लगा हुआ एंटी-रडार होमिंग सिस्टम दुश्मन के रडार को भी जाम कर सकता है। इजरायली Harop ड्रोन एक बार में 6 घंटे की उड़ान भर सकता है। इसे बेस स्टेशन से 1000 किलोमीटर की दूरी तक ऑपरेट किया जा सकता है।

भारत भी कर रहा किलर ड्रोन के खरीद की तैयारी

भारत की स्पेशल फोर्स पहले से ही इस ड्रोन का उपयोग करती है। जिसमें एनएसजी और दूसरी स्पेशल फोर्सेज शामिल हैं। हालांकि सेना के लिए इसकी खरीद को लेकर अभी भी बातचीत चल रही है। भारत ने इस ड्रोन को लेकर रिकवेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन भी जारी कर चुका है। चीन और पाकिस्तान से बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत आने वाले दिनों में इस ड्रोन को इजरायल से खरीद सकता है। हालांकि भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए लग रहा है कि चीन ने भारत से युद्ध ( World War 3 India China ) की तैयारी कर ली है।

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