शनिवार को गांधीनगर में दाखिल किए गए हलफनामें में सामने आए सारे तथ्य,
गांधीनगर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और उनकी पत्नी की चल-अचल संपत्ति 2012 में 11.79 करोड़ रुपए से 2019 में बढकर 38.81 करोड़ रुपए हो गई । यानि 7 साल में उनकी संपत्ति 3 गुना हो गई। ये हम नहीं अमित शाह का वो हलफनामा कह रहा है, जिसको उन्होंने दाख़िल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि 38.81 करोड़ रुपये में विरासत में मिली संपत्ति, 23.45 करोड़ रुपये, दोनों चल-अचल संपत्ति शामिल हैं। जबकि कागजात दाखिल करने के समय शाह के पास 20,633 रुपए नकद थे, उनकी पत्नी के पास 72,578 रुपए थे।
कितना पैसा बैंकों में:
हलफनामे के अनुसार, शाह और उनकी पत्नी के पास कई बचत खातों में 27.80 लाख रुपये और 9.80 लाख रुपये की सावधि जमा राशि थीं। शाह और उनकी पत्नी को उनके नवीनतम आयकर रिटर्न के अनुसार 2.84
शाह के हलफनामे में राज्यसभा सांसद के रूप में प्राप्त वेतन के रूप में उनकी आय के स्रोतों का उल्लेख है, संपत्तियों पर किराया और कृषि गतिविधि से आय को दर्शाया गया है। 2017 में, जब शाह ने गुजरात से राज्यसभा चुनाव लड़ा, तो उन्होंने 34.31 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। इस तरह, नवीनतम हलफनामा 2017 के बाद से उनकी संपत्ति में 4.5 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। 2012 के विधानसभा चुनावों में लड़ते हुए, शाह ने घोषणा की थी कि उन्होंने अपने परिवार के साथ पत्नी सोनलबेन और बेटे जे (जो उस समय एक आश्रित थे) के साथ 11.79 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति के मालिक थे।
कहां से आए पैसे:
शनिवार को दाखिल किए गए हलफनामे में, शाह ने उल्लेख किया है कि 2017-18 के आईटीआर के अनुसार, उनकी और उनकी पत्नी की वार्षिक आय 2.84 करोड़ रुपये थी, जिसमें शाह के लिए 53.90 लाख रुपए और
सोनालबेन के लिए 2.30 करोड़ रुपये शामिल थे। शाह की पत्नी की आय एक वर्ष में दोगुनी हो गई क्योंकि 2016-17 में आईटीआर ने उनकी वार्षिक आय 1.05 करोड़ रुपये रखी। 2016-17 के अनुसार शाह की आय 43.68 लाख रुपये थी। हलफनामे में बताया गया है कि भाजपा प्रमुख और उनकी पत्नी के पास कार नहीं है। यह भी कहा कि शाह ने दूसरे वर्ष से परे अपनी बैचलर आॅफ कॉमर्स की डिग्री हासिल नहीं की थी।
शाह पर 4 आपराधिक मामले:
शाह ने आगे घोषित किया है कि हालांकि चार आपराधिक मामले उनके खिलाफ लंबित थे, लेकिन उनमें से किसी में भी उन्हें दोषी नहीं ठहराया गया है। शाह के खिलाफ लंबित इन चार मामलों में पश्चिम बंगाल और बिहार में दो-दो पंजीकृत हैं। इस वर्ष नगरपालिका चुनावों के दौरान एक भड़काऊ भाषण को लेकर पश्चिम बंगाल में पहला पंजीकरण किया गया था। दूसरा, कोलकाता में एक महानगरीय मजिस्ट्रेट के सामने लंबित था, मानहानि का मुकदमा था।
तीसरा, 2017 में बिहार के मुजफ़्फरपुर में पंजीकृत किया गया था, जो एक यूट्यूब वीडियो के बारे में था जिसमें शाह ने जूते पहनते समय राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। हलफनामे में कहा गया कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद यादव के खिलाफ कुछ टिप्पणी करने के लिए 2015 में बिहार के बेगूसराय में चौथा मामला दर्ज किया गया था। Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebookपर Like करें, Twitter पर Follow करें और Youtube पर हमें subscribe करें।