रायपुर। एनएमडीसी में कितने आदिवासियों को नौकरी मिली? छत्तीसगढ़ के जल, जंगल, जमीन पर पहला अधिकार किसका? आदिवासियों के साथ ये छल नहीं होने देंगे। शनिवार को ये बातें जनता कांग्रेस जोगी के संस्थापक अजीत जोगी ने किरंदुल एनएमडीसी के गेट पर जुटी भीड़ को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने आगे कहा कि यहां अडानी के फावड़ा-कुदाल चलने से पहले वे मर जाना ज्यादा पसंद करेंगे। रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच भी आदिवासियों की भीड़ में कोई कमीं नहीं आई है।

यहां चारों ओर जनता का हुजूम दिखाई दे रहा है। जानकारों का मानना है कि भीड़ 25 हजार से ज्यादा की होगी। तो वहीं आदिवासियों का पहुंचना अभी भी जारी है।

आदिवासियों के आंदोलन को जोगी ने दिया समर्थन:

अजीत जोगी ने आदिवासियों के इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि ये राज्य सरकार और अडानी का ज्वाइंट वेंचर है। अगर सरकार चाहे तो वो अपनी हिस्सेदारी वापस ले ले मामला खत्म हो जाएगा।

किरंदुल में चला जोगी का जादू:

अजीत जोगी का जादू किरंदुल में जमकर चला। किसी नेता को देखने के लिए लोग बारिस में भी डटे रहे। लोग अजीत जोगी की एक ­ालक पाने को लालायित दिखे। तो वहीं अजीत जोगी ने भी श्रध्दाभाव से सभी का हाथ हिला-हिलाकर अभिवादन किया।

विक्रम मंडावी ने भी दिया समर्थन:

बीजापुर से कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी भी अपने लाव-लश्कर के साथ वहां पहुंचे। उन्होंने टीआरपी से कहा कि वे यहां आदिवासियों के आंदोलन को अपना समर्थन देने आए हैं।

उनसे जो कुछ भी आदिवासियों की भलाई के लिए बन पड़ेगा जरूर करेंगे। इस मौके पर वहां मौजूद लोगों में काफी उत्साह देखा गया। रुक-रुक कर हो रही बारिश में भी लोग भीगते हुए अपने नेताओं को सुनने के लिए जमे रहे। आदिवासियों ने एनएमडीसी के सारे गेट जाम कर दिए हैं। वहां न तो कोई आ सकता है और न ही जा सकता है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।