रायपुर। स्वास्थ्य विभाग में अब डॉक्टर्स को सीईओ नहीं बनाया जाएगा। सोमवार को ये फैसला स्वास्थ्य विभाग के मंत्री टीएस सिंहदेव ने बैठक के दौरान किया। तो वहीं 15 जून से युनिवर्सल हेल्थ योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू किया जाएगा। इसके अलावा मेडिकल कालेजों और जिला अस्पतालों के नियमों में अमूलचूल परिवर्तन किया गया है।

पांच सितारा होटल में चल रही इस बैठक में स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारीक, प्रियंका शुक्ला, हेल्थ डॉयरेक्टर शिखा राजपूत तिवारी सहित प्रदेश भर से तमाम सीएमएचओ, सिविल सर्जन, डीपीएम सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित हैं।

युनिवर्सल हेल्थ स्कीम की जानकारी लेने गए थे थाइलैंड:

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव कुछ समय पहले थाईलैंड के दौरे पर गए थे। वहां उन्होंने इसकी जानकारी ली थी। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा था कि इसको छत्तीसगढ़ में जल्दी ही शुरू किया जाएगा। इसके तहत हर किसी को मुफ्त में इलाज की सुविधा मिलेगी।

इन विषयों पर भी हुआ विमर्श:

बैठक में इलाज में लापरवाही, अधिकारियों, कर्मचारियों की लापरवाही जैसे तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। तो वहीं अस्पतालों में दवाओं की अनुपलब्धता, नर्सिंग स्टॉफ के अभद्र व्यवहार पर भी चर्चा की गई। अस्पतालों में कर्मचारियों के अभाव, चिकित्सा की गुणवत्ता जैसे विषयों पर भी मंथन किया जाएगा।

खर्च बचाने का दावा करने वाली सरकार की सच्चाई:

एक ओर तो राज्य सरकार तमाम खर्चों में कटौती की बात करती है। ऐसे में शहर में तमाम बड़े भवनों और सरकारी संसाधनों के रहते हुए पांच सितारा होटलों में बैठकें करना आखिर कहां तक जायज है?

 

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